झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जमीन घोटाला मामले में मिली जमानत, जेल से बाहर आए
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया।
जेल से रिहा होने के बाद सोरेन ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे 5 महीने तक सलाखों के पीछे रखा गया…हम देख रहे हैं कि न्यायिक प्रक्रिया में केवल दिन या महीने नहीं बल्कि सालों लग रहे हैं…आज, यह पूरे देश के लिए एक संदेश है कि हमारे खिलाफ कैसे साजिश रची गई…हमने जो लड़ाई शुरू की और जो संकल्प लिए, हम उन्हें पूरा करने के लिए काम करेंगे।”
अदालत द्वारा याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखने के दो सप्ताह बाद सोरेन को मामले में जमानत दे दी गई।
न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय की एकल पीठ ने 50,000 रुपये के जमानत बांड और समान राशि के दो जमानतदारों पर सोरेन को जमानत दी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। 48 वर्षीय राजनेता तब से रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद थे।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व कर रहे एसवी राजू ने जमानत याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि सोरेन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्होंने पहले राज्य मिशनरी का इस्तेमाल करके खुद को बचाने की कोशिश की थी। “अगर उन्हें जमानत दी जाती है, तो वह राज्य मशीनरी का दुरुपयोग करके जांच में बाधा डालने की कोशिश कर सकते हैं।”
राजू ने कहा कि सोरेन की झारखंड के बार्गेन में स्थित जमीन पर एक बैंक्वेट हॉल बनाने की योजना थी और उनके आर्किटेक्ट दोस्त विनोद सिंह ने मोबाइल के जरिए उन्हें इसका नक्शा भेजा था। उन्होंने यह भी कहा कि सर्वेक्षण के दौरान सिंह ने बार्गेन में भूमि की पहचान की थी और अपने बयान में स्वीकार किया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर भूमि का विवरण उपलब्ध कराया था।