गार्नियर ने लॉन्‍च किया बदलावकारी अभियान ‘ग्रीन ब्‍यूटी’

चिरौरी न्यूज़

मुंबई: मौजूदा समय में पर्यावरण, सेहत और समाज से जुड़ी चिंताएं पहले से कहीं ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण हो गयी हैं। पिछले साल की अप्रत्‍याशित घटनाओं ने ग्राहकों की अपेक्षाओं का रुख बदल दिया है और समाज में ब्रांड के योगदान पर ध्‍यान केंद्रित हो गया है। लोगों के लिये किसी भी चीज से ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है, एक भरोसेमंद ब्रांड की चाहत, जोकि पारदर्शी हों और सही मायने में बेहतर होने की दिशा में काम कर रहे हों।

जब स्‍थायित्‍व (सस्‍टेनबिलिटी) की बात आती है, इस मामले में गार्नियर सालों से पूरी लगन से काम कर रहा है। यह ब्रांड ज्‍यादा से ज्‍यादा नैचुरल फॉर्मूला तैयार कर रहा है , स्‍थायी तथा उचित व्‍यापार वाली सामग्रियां इस्‍तेमाल कर रहा है। यहां तक कि बड़े पैमाने पर स्किनकेयर बाजार में सबसे पहले प्रमाणिक ऑर्गेनिक प्रोडक्‍ट लाने का काम भी इस ब्रांड ने किया है। अपने सस्‍टेनबिलिटी प्रोग्राम,’गार्नियर ग्रीन ब्‍यूटी’ के लॉन्‍च के साथ गार्नियर काफी दूर तक जाना चाहता है। यह ब्रांड ब्‍यूटी इंडस्‍ट्री के काम करने के तरीके को बदलना चाहता है और हम सबके लिये उस बदलाव का नेतृत्‍व करना चाहता है।

गार्नियर सन 1989 से ही जानवरों पर परीक्षण के खिलाफ रहा है और अब ‘क्रूएलिटी फ्री इंटरनेशनल’ ने अपने ‘लीपिंग बनी प्रोग्राम’ के तहत इस ब्रांड पर अपनी मुहर लगा दी है। ‘लीपिंग बनी प्रोग्राम’ के अंतर्गत, क्रूएलिटी फ्री इंटरनेशनल द्वारा गार्नियर पहली बार सत्‍यापित होने वाले सबसे बड़े ब्रांड्स में से एक है। यह सिर्फ गार्नियर के लिये ही नहीं, बल्कि पूरी ब्‍यूटी इंडस्‍ट्री के‍ लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है। जानवरों पर किसी प्रकार का परीक्षण हुआ है या नहीं, यह जानने के लिये ‘लीपिंग बनी’ के अंतर्गत ब्रांड्स को अपने पूरे सप्‍लाय चेन की जांच करवानी पड़ती है, जिसमें कच्‍चा माल और अलग-अलग सामग्रियां शामिल होती हैं। ब्रांड के सारे तैयार प्रोडक्‍ट को अनुमति मिलनी चाहिये- एकल प्रोडक्‍ट या सामग्री को अकेले अनुमति नहीं दी जा सकती।

यह गार्नियर द्वारा 500 से भी ज्‍यादा सप्‍लायर्स से घोषणा प्राप्‍त करने का मामला था, जोकि पूरी दुनिया से 3,000 से भी ज्‍यादा सामग्रियां मंगवाते हैं। इस सख्‍त प्रक्रिया से यह बात पुख्‍ता हो जाती है कि ग्राहक पूरे विश्‍वास के साथ गार्नियर के प्रोडक्‍ट खरीद सकते हैं। ये प्रोडक्‍ट्स खरीदते समय उन्‍हें पता होगा कि गार्नियर ‘लीपिंग बनी’ के सख्‍त मानदंडों पर खरा उतरा है।

गार्नियर की ‘ग्रीन ब्‍यूटी’ पहल, शुरू से लेकर अंत तक सस्‍टेनबिलिटी तक पहुंचने का एक ठोस तरीका है। इस पहल का लक्ष्‍य है गार्नियर के वैल्‍यू चेन के हर चरण पर बदलाव लाना। साथ ही निम्‍न क्षेत्रों में पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करना या खत्‍म करना।

प्‍लास्टिक और पैकेजिंग:

o             2025 तक गार्नियर का लक्ष्‍य है अपनी सारी पैकेजिंग में जीरो वर्जिन प्‍लास्टिक का इस्‍तेमाल करना, इससे हर साल* 37000 टन प्‍लास्टिक की बचत होगी

o             2025 तक सारी पैकेजिंग या तो पुन: उपयोग में लाये जाने, रीसाइकल या नष्‍ट किये जाने योग्‍य भी होंगी।

प्रोडक्‍ट और फॉर्मूला:

o             2022 तक वनस्‍पति आधारित और अक्षय (रीन्‍यूएबल) सामग्रियां स्‍थायी रूप से मंगवायी जायेंगी

o             2025 तक गार्नियर के सौ प्रतिशत नये प्रोडक्‍ट एक उन्‍नत पर्यावरण प्रोफाइल वाले होंगे

 

फैक्‍ट्री एवं मैन्‍यूफैक्‍चरिंग:

o             2025 तक 100 प्रतिशत कार्बन न्‍यूट्रल इं‍डस्ट्रियल साइट्स होंगी, जिनमें अक्षय ऊर्जा का इस्‍तेमाल किया जायेगा

o             इं‍डस्ट्रियल साइट्स पर अभी से ही कार्बन डाई ऑक्‍साइड का उत्‍सर्जन 72 प्रतिशत तक कम हो गया है**

एकजुट रूप में सोर्सिंग:

o             2025 तक गार्नियर पूरी दुनिया में 800 कम्‍युनिटीज को हमारे सॉलिडेटरी सॉर्सिंग प्रोग्राम के तहत सक्षम बनायेगा।

इसके साथ ही ‘लॉरियल फॉर द फ्यूचर’ के तहत, गार्नियर ‘प्रोडक्‍ट एनवॉयरमेंटल एवं सोशल इम्‍पैक्‍ट लेबलिंग’ लागू करने वाला पहला ब्रांड होगा। इसका लक्ष्य है अपने प्रोडक्‍ट का पर्यावरण तथा समाज पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में ग्राहकों को जानकारी देना। इससे वे ज्‍यादा से ज्‍यादा स्‍थायी विकल्‍प चुन पायेंगे। फ्रांस में हुए ट्रायल तथा हेयरकेयर प्रोडक्‍ट पर इस लेबलिंग की वजह से हरेक प्रोडक्‍ट को सस्‍टेनबिलिटी में ए से ई के बीच में स्‍कोर प्राप्‍त हुआ। ‘ए’ लेबल वाले प्रोडक्‍ट्स अपनी श्रेणी में सबसे उम्‍दा माने गये। इस स्‍कोर को प्रदान करने में पर्यावरण से जुड़े 14 मुद्दों को ध्‍यान में रखा गया, जैसे सामग्री का स्रोत, निर्माण, परिवहन, उपयोगिता और रीसाइक्लिंग की क्षमता। इन आंकड़ों को एक स्‍वतंत्र ऑडिटर, ब्‍यूरो वेरिटास सर्टिफिकेशन द्वारा सत्‍यापित किया गया। अंतरराष्‍ट्रीय रूप से प्रसारित होने से पहले गार्नियर हेयरकेयर प्रोडक्‍ट्स के ‘एनवॉयरमेंटल एंड सोशल इम्‍पैक्‍ट लेबलिंग’ फ्रेंच ब्रांड के हेयरकेयर वेबपेज पर ग्राहकों के लिये उपलब्‍ध होगा।

साथ ही प्‍लास्टिक की वजह से होने वाले प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिये गार्नियर ने प्‍लास्टिक फॉर चेंज के साथ साझीदारी की है। पूरी दुनिया में 3 अरब लोग कचरे को संगठित रूप से एकत्रित करने की सुविधा के बिना अपनी जिंदगी बिता रहे हैं। यह धरती की लगभग आधी आबादी के बराबर है। दुनिया के सबसे गरीब लोग अपनी जिंदगी चलाने के लिये कचरे को इकट्ठा करने का काम करते हैं। कचरा बीनने वालों में ज्‍यादातर महिलाएं होती हैं जोकि गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी बिता रही हैं और बड़ी ही भयानक परिस्थितियों में काम कर रही हैं। इस साझीदारी के माध्‍यम से गार्नियर, भारत में कचरा बीनने वाली कम्‍युनिटी के संपूर्ण विकास में मदद पहुंचाने का काम करेगा। प्‍लास्टिक फॉर चेंज बच्‍चों की पढ़ाई, स्‍वास्‍थ्‍य, आर्थिक आत्‍मनिर्भरता में मदद करता है। साथ ही बच्चियों तथा महिलाओं को सशक्‍त बनाने में योगदान देता है। ये एक सेहतमंद और खुशहाल समाज की नींव होते हैं।

इस वैश्विक पहल के तहत गार्नियर ने ओशन कंज़रवेंसी के साथ भी हाथ मिलाया है। यह एक एनजीओ है जोकि 30 साल से भी ज्‍यादा समय से समुद्र में प्‍लास्टिक फेंकने के खिलाफ काम कर रहा है। गार्नियर ने ओशन कंज़रवेंसी के ट्रैश फ्री सीज़ अलायंस के साथ सहयोग किया है। इस अलायंस का निर्माण 2012 में हुआ था। वैज्ञानिक, संरक्षणवादी और निजी सेक्‍टर एक साथ मिलकर समुद्र में प्‍लास्टिक कचरे की परेशानी को लेकर वास्‍तविक और प्रभावी हल ढूंढ रहे हैं। गार्निंयर, मौजूदा अलायंस सदस्‍यों के साथ मिलकर काम करेगा ताकि प्‍लास्टिक पैकेजिंग को कम करने/रिडिजाइन करने के अनूठे तरीकों के बारे में पता लगा सके। साथ ही हमारे समुद्र में प्‍लास्टिक कचरे को बहने से रोक पायें।

एड्रिन कोस्‍कस, गार्नियर ग्‍लोबल ब्रांड प्रेसिडेंट ने कहा, ‘’ग्रीन ब्‍यूटी’ हमारे बिजनेस करने के तरीके को बदल देगी। अपने साझीदारों, शोधकर्ताओं तथा ग्राहकों की मदद से तैयार की गयी यह पहल महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍यों की एक सीमा तय करती है, जोकि ठोस लक्ष्‍यों पर आधारित है। हम संकल्‍प लेते हैं कि धरीत पर प्रभाव को कम करेंगे और एक अनूठे स्‍थायी भविष्‍य का निर्माण करेंगे। इसमें वक्‍त लगेगा, लेकिन ‘ग्रीन ब्‍यूटी’ गार्नियर को बदल देगा और हमें उम्‍मीद है पूरी ब्‍यूटी इंडस्‍ट्री को भी। ‘लीपिंग बनी प्रोग्राम’ के तहत ‘क्रूएलिटी फ्री इंटरनेशनल’ द्वारा आधिकारिक रूप से प्रमाणित होना बहुत बड़ी उपलब्धि है और यह हमारे ग्रीन ब्‍यूटी मिशन का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। आज गार्नियर ने पूरी तरह से समर्पित, सही मायने में स्‍थायी, पारदर्शी ब्रांड बनने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। ग्रीन ब्‍यूटी हम सब तक इसे पहुंचायेगी।

पंकज शर्मा, डायरेक्‍टर, कंज्‍यूमर, प्रोडक्‍ट डिविजन, लॉरियल इंडिया का कहना है, ‘’ जागरूकता तथा मजबूत निष्‍पक्षता के साथ गार्नियर ब्रांड के लिये लक्ष्‍य तय करना और सामाजिक प्रतिबद्धता तैयार करना जरूरी हो गया है। गार्नियर का ‘ग्रीन ब्‍यूटी’ अभियान, ज्‍यादा स्‍थायी तथा बेहतर धरती बनाने की दिशा में दिये गये हमारे योगदान का एक सफर है। साथ ही हम ग्राहकों तथा सहयोगियों की एक ऐसी कम्‍युनिटी तैयार कर रहे हैं जोकि इस सफर में हमारा साथ दें।‘’

जॉन अब्राहम, गार्नियर ब्रांड एम्‍बेसडर, ‘’मैं काफी लंबे समय से गार्नियर इंडिया के साथ जुड़ा हुआ हूं और खासकर इस अभियान को प्रस्‍तुत करते हुए मुझे गर्व महसूस हो रहा है। सालों से हमारे पर्यावरण के संसाधनों के लगातार दोहन की वजह से, हम इस बात पर यकीन करते हैं कि एक-एक व्‍यक्ति का योगदान एक संगठित मोर्चे को जन्‍म देगा और इससे हमें अपने लक्ष्‍य तक पहुंचने में मदद मिलेगी। गार्नियर के ‘ग्रीन ब्‍यूटी’ अभियान के माध्‍यम से हम सभी महत्‍वाकांक्षी युवा भारतीयों को आगे आने का मौका दे रहे हैं। आज वह अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाने में हमारा साथ दे सकते हैं। साथ ही उन्‍हें हम आगे आने वाले एक स्‍थायी और सुनहरे भविष्‍य में अपना योगदान देने का भी अवसर दे रहे हैं।‘’

‘ग्रीन ब्‍यूटी’ अभियान में एक वार्षिक ग्‍लोबल सस्‍टेनबिलिटी प्रोग्रेस रिपोर्ट भी पेश की गयी। जिसमें गार्नियर की प्रतिबद्धता को पारदर्शी रूप में दर्शाया गया है। गार्नियर वेबसाइट पर इस रिपोर्ट को सार्वजनिक रूप से ट्रैक किया जा सकता है और यह जाना जा सकता है कि आज गार्नियर कहां खड़ा है। साथ ही 2025 तक ब्रांड अपने महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍यों तक किस तरह पहुंचेगा, उसके बारे में भी जाना जा सकता है। यह प्रोग्रेस रिपोर्ट गार्नियर की प्रतिबद्धताओं की एक स्‍पष्‍ट तथा ट्रैक की जाने वाली संक्षिप्‍त जानकारी प्रदान करती है। इसमें उनक कार्यों के बारे में बताया गया है जोकि विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिकों की मदद से पूरे हुए हैं

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