महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भारत सरकार और एडीबी ने किये 30 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने महाराष्ट्र राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद के लिए ग्रामीण कनेक्टिविटी में सुधार लाने के लिए अतिरिक्त वित्त पोषण के तौर पर 30 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर आज हस्ताक्षर किए।

मौजूदा महाराष्ट्र ग्रामीण कनेक्टिविटी सुधार परियोजना के लिए अतिरिक्त वित्त पोषण से 34 जिलों में 2,900 किलोमीटर (किमी) की कुल लंबाई के लिए अतिरिक्त 1,100 ग्रामीण सड़कों और 230 पुलों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। मौजूदा परियोजना को अगस्त 2019 में स्वीकृत 20 करोड़ डॉलर के वित्त पोषण के साथ मंजूरी दी गई थी। इसके तहत पूरे महाराष्ट्र में 2,100 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की स्थिति एवं सुरक्षा में सुधार और रखरखाव संबंधी कार्य जारी है।

इस ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव श्री रजत कुमार मिश्रा और एडीबी की ओर से एडीबी के इंडिया रेजिडेंटमिशन के कंट्री डायरेक्टर श्री ताकेओ कोनिशी ने हस्ताक्षर किए।

ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद श्री मिश्रा ने कहा, ‘इस अतिरिक्त वित्त पोषण से समग्र परियोजना के तहत महाराष्ट्र में ग्रामीण समुदायों को कृषि उत्पादक क्षेत्रों और सामाजिक आर्थिक केंद्रों से जोड़ने वाले 5,000 किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों और 200 से अधिक पुलों की स्थिति सुधरेगी और सुरक्षा बेहतर होगी।’

श्री कोनिशी ने कहा, ‘जलवायु के प्रति सहनशील, हर मौसम में चलने लायक ग्रामीण सड़कों के जरिये बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और कृषि क्षेत्र में बदलाव आएगा जिससे महाराष्ट्र में आर्थिक सुधार को गति देने में मदद करेगी।’

नई परियोजना से स्थानीय समुदायों के लिए लगभग 31 लाख व्यक्ति-दिवस रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। इसमें से करीब 25 प्रतिशत रोजगार निर्माण एवं रखरखाव की अवधि में महिलाओं के लिए होंगे। महिला श्रमिकों में क्षमता विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक लैंगिक आधार पर एक कार्य योजना तैयार की गई है ताकि वे अर्धकुशल एवं अकुशल श्रम अवसरों से लाभान्वित हो सकें।

इस अतिरिक्त वित्त पोषण से महाराष्ट्र में अगस्त 2019 में विनाशकारी बाढ़ से ध्‍वस्‍त हुई सड़कों और पुलों का पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास करने में मदद मिलेगी। इसके डिजाइन में बाढ़ एवं जलवायु के प्रति सहनशील उपायों को शामिल किया गया है, चुनिंदा सड़क खंडों पर पर्यावरण के अनुकूल सामग्री के उपयोग का पायलट परीक्षण, परियोजना सड़कों की निगरानी के लिए मोबाइल मैपिंग तकनीक का उपयोग और फाइबर-रेनफोर्स्‍ड कंक्रीट एवं प्री-कास्ट कंक्रीट आर्च ब्रिज जैसी नई तकनीकों का उपयोग शामिल किया गया है।

एडीबी अत्यधिक गरीबी को दूर करने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए एक समृद्ध, समावेशी, लचीला और टिकाऊ एशिया-प्रशांत क्षेत्र तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। साल 1966 में स्थापित एडीबी 68 सदस्यों के स्वामित्व में है और इनमें से 49 सदस्य इसी क्षेत्र से हैं।

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