ऊर्जा जरूरतों का 50 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी से पूरा करने की तरफ बढ़ रहा गुजरात

Gujarat is moving towards meeting 50 percent of its energy needs through renewable energy.
(Pic Credit: Earth.com)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली/गांधीनगर:  देश को विकास का नया मॉडल देने वाला गुजरात रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के मामले में भी एक नई मिसाल पेश करने जा रहा है। प्रदेश अपनी 50 फीसदी ऊर्जा जरूरतों को रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेस से पूरा करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। सूबे की सरकार ने हाल ही में रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी 2023 लांच की है।

गुजरात सरकार द्वारा वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 10वें संस्करण को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए रोड शो में रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी 2023 को भी व्यापक स्तर पर प्रचारित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों ने रोड शो के दौरान ग्रीन मेथनॉल और ग्रीन इथेनॉल के उत्पादन के लिए 1,000 करोड़ रुपए के MoUs पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में बड़ी सफलता

गुजरात वर्तमान में भारत की रिन्यूएबल एनर्जी कैपसिटी में 15% का योगदान देता है। यह सबसे तेजी से बढ़ते रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूसिंग एरियाज में से एक है। रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने हाल ही में रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी 2023 भी लॉन्च की है। यह नीति राज्य को अपनी ऊर्जा का 50% ज़रूरत रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेस से हासिल करने के लिए सक्षम बनाएगी। यह 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को 45% तक कम करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में काफी सहायक होगी।

ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन के लिए नई नीति

गुजरात सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन की दिशा में आगे बढ़ते हुए भूमि आवंटन नीति की भी घोषणा की है। यह राज्य को ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स में निवेश के लिए माकूल जगह बनाती है। इस नीति के मुताबिक, ग्रीन हाइड्रोजन कंपनियों को अपने प्लान्ट्स शुरू करने के पांच साल के भीतर प्लान्ट की प्रोडक्शन कैपिसिटी का 50% हासिल करना होगा। कंपनियों को आठ साल के भीतर 100% ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन की कैपसिटी हासिल करनी होगी।

वैश्विक कंपनियों के साथ तालमेल बढ़ाने पर जोर

प्रदेश सरकार रिन्यूएबल एनर्जी कैपसिटी को बढ़ाने के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर की प्रमुख वैश्विक कंपनियों से तालमेल बढ़ाने पर जोर दिया है। साथ ही मुंबई, नई दिल्ली, कोलकाता और चंडीगढ़ की नेशनल एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने वाली कंपनियों के साथ कई बैठकें कीं हैं। प्रदेश सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में काम करने वाली देश-विदेश की कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ गुजरात के विजन को साझा किया। साथ ही प्रदेश में निवेश के लिए उपलब्ध विभिन्न अवसरों की चर्चा की।

कई कंपनियों ने निवेश में दिखाई रुचि

बैठक के दौरान कई कंपनियों ने प्रदेश में निवेश करने में रुचि दिखाई है। ये कंपनियां ऑल्टरनेटिव फ्यूल प्रोडक्शन, गैस/टेक्नोलॉजी से संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चरल सॉल्यूशन्स, लीथियम-आयन बैटरी मैन्युफैक्चरिंग, सोलर PV मॉड्यूल्स मैन्युफैक्चरिंग, डिकार्बनाइजेशन इनीशियेटिव्स और ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन जैसे विभिन्न सब-सेक्टर्स की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। इस दौरान डेनिश मेरीटाइम कंपनीयों ने गुजरात के पोर्ट्स से ग्रीन मेथनॉल और ग्रीन इथेनॉल खरीदने में रुचि व्यक्त की है।

इसके अलावा, वेलस्पन और किरी इंडस्ट्रीज जैसी भारतीय कंपनियों ने गुजरात से यूरोप तक ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के निर्यात की सुविधा के लिए लिली नेविटास (जर्मनी) और सुंड्रोनिक्स (जर्मनी) के साथ MoU पर हस्ताक्षर किए। शिपिंग के लिए ग्रीन फ्यूल की विशाल संभावनाओं को देखते हुए, शक्ति समूह ने गुजरात में ग्रीन मेथनॉल और ग्रीन इथेनॉल के प्रोडक्शन हेतु 1,000 करोड़ रुपए का निवेश करने के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए हैं।

ग्रीन हाइड्रोजन कैपिटल बनने की ओर प्रदेश

गुजरात की इन्वेस्टर फ्रेंडली पॉलिसी, VGGS 2024 की अगुवाई में साइन किए गए MOUs और राज्य में अब तक आकर्षित निवेश को देखते हुए कहा जा सकता है कि गुजरात ग्लोबल ग्रीन हाइड्रोजन कैपिटल बनने की ओर बढ़ रहा है।

बता दें कि गुजरात सरकार वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की तैयारी के तहत अब तक छह अंतरराष्ट्रीय और आठ राष्ट्रीय स्तर के रोड शो कर चुकी है। इन रोड शो से प्रतिनिधिमंडल विभिन्न क्षेत्रों में वन-टू-वन मीटिंग्स, राउंड टेबल कॉन्फ्रेन्सेस, और सेमिनार्स के माध्यम से 1000 से अधिक कंपनियों जुड़ चुके हैं।

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