कोरोना के बाद उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां और उनकी होम्योपैथिक चिकित्सा

डॉ एम डी सिंह

कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आने के बाद  शकुसळ घर बापिस आने बाले अनेक लोग साँस, ह्रदय, दिमाग, जोड़ों के दर्द, अनिद्रा, बुखार  सहित अनेक रोगों से अभी भी लड़ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार लगभग नबे प्रतिशत लोग कोरोना मुक्त होने के बाद भी अनेक बिमारियों का सामना कर रहे हैं और अनेक लोगों को कोरोना के बाद के दुष्परिणामों की बजह से  हॉस्पिटल में दाखिल होना पड़ रहा है और अनेक लोग पोस्ट कोविड कॉम्प्लीकेशन्स  के बजह से अपनी जान गँबा बैठे हैं।

चिकित्सकों के पास आज एक उससे भी बड़ी चुनौती सामने खड़ी होती नजर आ रही है। वह है कोरोना के झंझावात को सह चुके लोगों की पटरी से उतर चुकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की गाड़ी को पुनः पटरी पर वापस लाना।

कोरोना जहां- जहां से गुजर रहा है तबाही के निशान छोड़ता जा रहा है। कोरोना को भुगत चुके लोग, अब भी दवाओं से मुक्त होते दिखाई नहीं पड़ते। और ऐसा कब तक चलता रहेगा ?सब इस प्रश्न का जवाब ढूंढ रहे हैं। सच पूछिए तो जवाब सिर्फ होमियोपैथी के पास है। कोरोना नेगेटिव हो जाने के बाद बच रहे लक्षणों, एवं नए आ गए रोगों से लड़ने, तथा बिना कोई अतिरिक्त कम्पलीकेशन पैदा किए, सहजता से नवजीवन देने का भार उठाने को तैयार हैं होमियोपैथ एवं होमियोपैथी।

होमियोपैथी की दवाइयाँ जहां आसानी से उपलब्ध होती हैं दूसरी ओर आप इनका घर बैठे बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के सेबन कर सकते हैं जिससे आप को महँगे अस्पतालों के चकर काटने से भी मुक्ति मिलेगी ।

कोरोना पीड़ितों में बच रहे रोग एवं लक्षण तथा उनकी होमियोपैथिक चिकित्सा–

1- मनोरोग एवं मस्तिष्क संबंधी बीमारियां-

क- अवसाद– अत्यधिक मानसिक दबाव ,अकेलापन,मृत्यु भय, आगे आने वाले किसी रोग की आशंका, एवं दवाओं के असीमित प्रयोग से विषाक्तता को झेल चुके मस्तिष्क के कारण किसी भी व्यक्ति का अवसाद ग्रस्त हो जाना सामान्य है।

औषधियां- इगनेशिया 200,सल्फर 1000,स्ट्रोंशियम कार्ब 30,,बेराइटा कार्ब 200,एवेना सटाइवा एवं अश्वगंधा मदरटिंकचर।

ख- अनिद्रा-

ओपियम 30,फासफोरस. 200+ ,पैसीफ्लोरा 200.,काली फास6 x

ख- याददाश्त की कमी-

एनाकारडियम ओरिएन्टेलिस ,कैनाबिस सटाइवा,एसिड फास 3x

ग- क्रोध एवं उच्च रक्तचाप-

कैमोमिला 30, आरम मेटालिकम 200, लैकेसिस 200,नक्स वोमिका 1000

घ- अल्प रक्तचाप-

कार्बो वेज 200,कोनियम मैक 200

ङ- चक्कर आना-

जेलसेमियम 30,टबैकम 30, कोनियम मैक 30

2-सर दर्द –

नक्स वोमिका 200, सैंगुनेरिया कैन 200

3-हाथ पैर और शरीर में कंपन-

जिंकम मैटेलिकम 30 कैली ब्रोमेटम 200

4-श्वसन संबंधी रोग-

क- सर्दी जुकाम खांसी- अमोनियम कार्ब 200,मेन्था पिपरेटा 30, मारबीलिनम 200, न्यूमोकोकिनम 200, एरालिया रेसीमोसा30, यूकेलिप्टस जी30, जस्टिसिया अधटोदाQ,आसाम सैन्कटम Q.

ख-दमा- एसिड हाइड्रो साइनिक 30,वेरैट्रम एल्ब 200,

ऐसपाइडोस्पर्मा Q,30, Arsenic Alb 30।

ग- गले में खराश और दर्द (सोर थ्रोट)–

सिस्टस कैन 30,कैप्सिकम 30, हिपर सल्फ 200, न्यूमोकोकिनम 200

घ-लंग फाइब्रोसिस-

फासफोरस 200, न्यूमोकोकीनम 200 ,हिपैटिका 30, आयोडोफार्मम 30

ङ- मिथ्या स्वासअवरोध( सूडोडिसीनिया)– फेफड़ों में सांस की कमी महसूस करना,। मुंह खोल कर लंबी लंबी सांस खींचना फिर भी महसूस होना कि वायु अंदर तक नहीं जा रही।

लारोसेरेसस 30,इग्नेशिया 200,

5- ह्रदय संबंधी परेशानियां- ऐसे बहुत से केस मिल रहे हैं जिसमें कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद हृदय संबंधी अनेक परेशानियां बढ़ जा रही हैं। एवं हृदय गति रुकने से मृत्यु तक हो जा रही है।

क- धड़कन तेज होना- अचानक रह रह कर हृदय की गति तेज हो जाती है और सीने के ऊपर से भी दिखाई एवं महसूस होने लगती है।

टैरेंटुला हिस्पारिका 30,कैक्टस जी 30 ,स्पाइजॆलिया 200

ख- सीने पर दबाव महसूस होना-

डिजिटेलिस 30, कनवलेरिया30, टर्मिनेलिया अर्जुना Q

ग- रक्त वाहिनीओं में खून के थक्के जमना -क्रेटेगस आक्स Q,आइबेरिस 30, नाजा टी 200,एलियम सटाइवा Q, आर्निका माउण्ट 200,वाइपेरा 30।

6- निरंतर लो डिग्री बुखार बना रहना-

सामान्य तौर पर यह लक्षण बहुतायत में मिल रहा है और विडाल टेस्ट पॉजिटिव आ रहा है।

टाइफ्वायडिनम 200,फेरम आर्स 30, जेल्सीमियम 30,रस टाअक्स 30,बैप्टीसिया 200,चिनिनम सल्फ 30,पाइरोजेनियम 200

7-रक्त में प्लेटलेट का घटना-

टी एन टी 30,टिनेसपोरा Q,,करिका पपइया Q

कैलकेरिया कार्ब 1000

8-पेट दर्द ,गैस का बनना, पतली टट्टी उल्टी अपच बदहजमी में

नक्स वॉमिका 200,पल्साटिला 30,कार्बो वेज 200,इपिकाक 30,

9- कमजोरी- कोरोना के बाद कमजोरी मुख्य लक्षण है

चाइना 30,अलफाअलफा,एवेना सटाइवा ,स्टरकूलिया

कारबो वेज 200

10-बाल टूटना –

कार्बो वेज 200,थैलियम 30,एसिड नाइट्रिक 200,फासफोरस 200

12-जोड़ों में दर्द-

कैलकेरिया फास, साइलीसिया, फाइटोलक्का, रस टाक्स,मेडोरिनम 1000।

3- स्वाद और गंध का गायब हो जाना-

जस्टिसिया अधटोदाQ,30,मारबीलिनम 200

14-ब्लैक फंगस -मैंसीनेला 200,हिप्पोजेनियम 200,अरण्डो 30, एसिड नाइट्रिक 200,मेजेरियम 30,आर्सेनिक एल्ब 1000,कारबोलिक एसिड 200

उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य सभी पोस्ट कोरोना परेशानियों में भी होम्योपैथी पूरी तरह सक्षम है।

अब आयुष मंत्रालय ने भी कोरोना पीड़ितों की होमियोपैथिक चिकित्सा की संतुति की है। मुझे होमियोपैथी की ताकत का पूरा अंदाजा है। जिसके आधार पर मैं कह सकता हूं की होम्योपैथी के सहयोग के बिना कोरोना को हराना कठिन है। आप पूरे विश्वास के साथ होमियोपैथिक चिकित्सक से संपर्क करें। पूर्ण स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।

(डॉ एम डी सिंह  महाराजगंज गाज़ीपुर उप्र में होमेओपेथी के चिकित्सक हैं और कोरोना से जुडी बिमारियों के इलाज के एक्सपर्ट हैं. लेख में लिखे गए बातों से चिरौरी न्यूज़ का सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)

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