“रन बनाने के चक्कर में बैटिंग का मज़ा खो चुका था, फिर बेसिक्स पर लौटा”: दोहरे शतक के बाद बोले कप्तान शुभमन गिल

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट में ऐतिहासिक 269 रन की पारी खेलने के बाद भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने हाल के समय में रन बनाने के दबाव में अपनी बल्लेबाज़ी का आनंद खो दिया था, लेकिन बेसिक्स पर लौटने और तकनीकी बदलावों ने उन्हें दोबारा बैटिंग से प्यार करने का मौका दिया।
गिल ने 387 गेंदों पर 269 रन बनाकर न केवल इंग्लैंड में टेस्ट में पहला दोहरा शतक लगाने वाले भारतीय और एशियाई कप्तान बने, बल्कि सुनिल गावस्कर के 1979 में ओवल में बनाए गए 221 रनों को भी पीछे छोड़ दिया – जो अब तक इंग्लैंड में भारतीय बल्लेबाज का सर्वोच्च टेस्ट स्कोर था।
मैच के बाद होस्ट ब्रॉडकास्टर से बातचीत में गिल ने कहा, “हां, आईपीएल खत्म होने के बाद और इस सीरीज़ से पहले मैंने काफी मेहनत की थी। मैंने अपनी इनिशियल मूवमेंट और सेटअप पर काम किया। इससे पहले मैं 30-35-40 रन बना रहा था, लेकिन उस लंबे एकाग्रता वाले फेज़ को मिस कर रहा था।”
उन्होंने आगे कहा, “बहुत से लोग कहते हैं कि जब आप बहुत ज़्यादा फोकस करते हो तो आप अपनी पीक कंसंट्रेशन को मिस कर देते हो। इस सीरीज़ में मैंने कोशिश की कि मैं अपने बचपन की तरह बैटिंग करूं। ना ये सोचूं कि 40 रन हो गए या लंबी पारी खेलनी है। बस बैटिंग को एंजॉय करना था।”
गिल ने ये भी माना कि जब रन आसानी से नहीं बनते, तब बल्लेबाज़ी का मज़ा भी चला जाता है। “मैं बहुत ज़्यादा रन बनाने पर ध्यान दे रहा था और इस चक्कर में मुझे बैटिंग से वो मज़ा नहीं आ रहा था जो आना चाहिए।” उन्होंने बताया कि जब वह पहले दिन लंच से पहले बैटिंग करने आए और टी ब्रेक तक 100 गेंदों पर करीब 35-40 रन पर थे, तो उन्होंने गौतम गंभीर से बात की।
“मैंने GG भैया से कहा कि मेरे पास शॉट्स तो हैं लेकिन रन फ्रीली नहीं आ रहे। गेंद थोड़ी नरम भी लग रही थी। लेकिन मैंने तय किया कि अगर विकेट अच्छा है और मैं सेट हूं, तो फिर मैं विकेट छोड़कर नहीं जाऊंगा।”
गिल ने पिछले मैच से सबक लेते हुए कहा कि नीचे के क्रम में अचानक से कोलैप्स हो सकता है, इसलिए उन्होंने ठान लिया था कि जब तक हो सके क्रीज़ पर टिके रहेंगे। आईपीएल के दौरान ही गिल ने रेड बॉल से टेस्ट की तैयारी शुरू कर दी थी। “आईपीएल का माहौल, व्हाइट बॉल का सेटअप और टेस्ट की तैयारी बहुत अलग है। इसलिए मैंने IPL के दौरान ही टेस्ट की तैयारी शुरू कर दी थी ताकि मुझे बाद में फायदा मिले।”
उन्होंने माना कि एक फॉर्मेट से दूसरे में जाना आसान नहीं होता। “टी20 से टेस्ट में आना काफी मुश्किल होता है क्योंकि आपका माइंड और बॉडी T20 मोड में होती है। इसे कंट्रोल करना और बार-बार खुद को समझाना मुश्किल होता है। इसलिए मैंने पहले से प्रैक्टिस शुरू की थी।”
बॉलिंग पर बात करते हुए गिल ने कहा कि इंग्लैंड को 77/3 पर रोकने के बाद भारतीय गेंदबाज़ों की योजना साफ है, “हम उन्हें एक ही एरिया में खेलने पर मजबूर करेंगे। जब बल्लेबाज़ चारों तरफ शॉट्स खेलने लगे तो उसे कंट्रोल करना मुश्किल होता है।”
उन्होंने ये भी कहा कि, “पिच में गेंदबाजों के लिए ज्यादा कुछ नहीं है, लेकिन जब बल्लेबाज़ कुछ अलग करने की कोशिश करता है, तभी मौका बनता है। हम यही कोशिश करेंगे कि बल्लेबाज़ों को निराश करें और उन्हें गलतियां करने पर मजबूर करें।”