भारत-चीन संबंधों में आई गर्माहट, अजीत डोभाल और वांग यी की मुलाकात में सीमा विवाद पर चर्चा

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। वांग यी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं और इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और सीमा विवाद जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
अजीत डोभाल ने कहा कि हाल के महीनों में भारत और चीन के बीच संबंधों में “सकारात्मक रुझान” देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि सीमाएं शांत रही हैं और दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता बनी हुई है। डोभाल ने यह भी बताया कि द्विपक्षीय संवाद अब अधिक सार्थक हो रहे हैं, और इसके पीछे दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में कज़ान में मुलाकात की थी।
डोभाल ने 24वें विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता को लेकर भी आशावाद जताया और कहा कि यह बातचीत विशेष महत्व रखती है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही सीमा पर आई स्थिरता से संतुष्ट हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल हुई 23वीं विशेष प्रतिनिधि वार्ता काफी सफल रही थी और उसमें मतभेदों के प्रबंधन, सीमाओं की स्थिरता और विवाद के समाधान की दिशा में एक नया और महत्वपूर्ण सहमति बनी थी।
वांग यी ने यह भी कहा कि भारत-चीन संबंधों में सुधार और विकास का एक अहम मौका है और इसे दोनों देशों को सकारात्मक रूप में अपनाना चाहिए।
उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात की, जिसमें उन्होंने ज़ोर दिया कि भारत और चीन को एक-दूसरे को “साझेदार” के रूप में देखना चाहिए, न कि “प्रतिद्वंद्वी या खतरा” के रूप में। वांग यी ने भरोसा जताया कि दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहराया जा सकता है।
इस दौरान एस. जयशंकर ने भी स्वीकार किया कि दोनों देशों के संबंधों ने पिछले कुछ वर्षों में “कठिन दौर” देखा है, लेकिन अब दोनों पक्ष आगे बढ़ने और समाधान की दिशा में रचनात्मक प्रयास कर रहे हैं।
मंगलवार को वांग यी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे, जिसे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिरता देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
भारत और चीन के रिश्तों में साल 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में हुए हिंसक टकराव के बाद से काफी तनाव आ गया था। हालांकि अब हालात में धीरे-धीरे सुधार की संभावना जताई जा रही है और दोनों देश शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में कदम बढ़ाते नजर आ रहे हैं।
