भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीट मिलाना तय

अंकित कुमार

नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान जैसे विरोधी देश भी भारत को मिल रहे जबदस्त समर्थन की वजह से अन्य देशों के साथ खड़े हैं, इससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का चुनाव निश्चित हो चुका है, लेकिन नियमों के अनुसार सभी देशों के वोट देने की औपचारिकता भी जरूरी है।

भारत को अगले साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) में अस्थायी सीट मिलना तय है, लेकिन महासभा की लीडरशिप को अभी यह तय करना है कि वह जून में होने वाले चुनाव को कैसे कराएगा, क्योंकि सदस्य देशों के प्रतिनिधि कोरोना वायरस महामारी की वजह से व्यक्तिगत रूप से मतदान नहीं कर सकते हैं।

महासभा के अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद-बंदे के प्रवक्ता रीमा अबाजा ने कहा कि चुनाव कराने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। तिजानी ने कहा, कि इस पर निर्णय अप्रैल महीने के अंत में लिया जाएगा।

परिषद में अस्थायी सीट को क्षेत्रीय आधार पर बांटा जाता है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों ने भारत को सर्वसम्मति से अपना समर्थन दिया हुआ है। परिषद में इंडोनेशिया के दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद यह सीट खाली हुई है। चीन और पाकिस्तान भी भारत को मिल रहे जबदस्त समर्थन की वजह से भारत व अन्य देशों के साथ खड़े हैं। इससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का चुनाव निश्चित है।

परिषद में चुनाव के लिए एक साइलेंट वोटिंग प्रणाली अपनाई की जाती है, जिसके तहत देशों को 72 घंटे के अंदर अपनी आपत्ति दर्ज कराने का समय दिया जाता है।यदि कोई देश अपनी प्रतिक्रिया नहीं देता या कोई आपत्ति नहीं जताता है, तो प्रस्ताव को मान लिया जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया से सभी देशों को वीटो का अधिकार भी मिल जाता है। हालांकि एक देश की भी आपत्ति, प्रस्ताव को पटरी से उतार सकती है, इसलिए इस प्रक्रिया का प्रयोग काफी कम तौर पर होता है।

 

 

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