भारत-अमेरिका के बीच जल्द हो सकता है “बहुत बड़ा” व्यापार समझौता: डोनाल्ड ट्रंप का संकेत

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में आयोजित ‘Big Beautiful Event’ के दौरान भारत के साथ एक “बहुत बड़े” व्यापार समझौते का संकेत दिया। यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच एक महत्त्वपूर्ण व्यापार समझौते को लेकर चार दिवसीय वार्ता हाल ही में समाप्त हुई है।
अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा, “हर कोई समझौता करना चाहता है और उसका हिस्सा बनना चाहता है। कुछ महीने पहले प्रेस पूछ रही थी कि क्या आपके पास कोई भी रुचिकर प्रस्ताव है? तो हमने कल ही चीन के साथ एक डील साइन की है। अब एक और बड़ा समझौता आने वाला है—शायद भारत के साथ, बहुत बड़ा समझौता।”
ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका हर देश के साथ व्यापार समझौता नहीं करेगा।
“हम हर किसी के साथ समझौता नहीं करेंगे। कुछ को तो बस एक पत्र भेजेंगे और कहेंगे धन्यवाद, अब आपको 25, 35, या 45 प्रतिशत शुल्क देना होगा। यह आसान तरीका है, लेकिन मेरी टीम चाहती है कि हम कुछ बेहतर समझौते करें,” उन्होंने कहा।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता
भारत और अमेरिका के बीच हाल में संपन्न हुई चार दिवसीय वार्ता में औद्योगिक और कृषि उत्पादों को लेकर बाजार तक पहुंच, टैरिफ कटौती और गैर-टैरिफ बाधाओं जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव कार्यालय के अधिकारियों ने किया, जबकि भारतीय टीम की अगुवाई वाणिज्य मंत्रालय के राजेश अग्रवाल ने की।
इस प्रस्तावित व्यापार समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच वार्षिक व्यापार को वर्तमान $190 अरब से बढ़ाकर 2030 तक $500 अरब तक पहुंचाना है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का बयान
वार्ता के समापन पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “भारत और अमेरिका एक निष्पक्ष और संतुलित व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत कर रहे हैं, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं, उद्योगों और जनता के लिए लाभदायक होगा। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप फरवरी 2025 में मिले थे और उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया था।”
अपने भाषण के दौरान ट्रंप ने यह भी बताया कि अमेरिका ने चीन के साथ एक व्यापार समझौता साइन किया है। हालांकि उन्होंने समझौते की विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि यह समझौता चीन से अमेरिका को दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति को तेज करने पर केंद्रित है।
इसके अलावा, दोनों देशों ने जिनेवा समझौते के क्रियान्वयन के लिए एक रूपरेखा तैयार करने पर भी सहमति जताई है। यह समझौता अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनावों के बीच एक बड़ी पहल मानी जा रही है।