भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने रचा इतिहास, इंडोनेशिया को फाइनल में हराकर पहली बार जीता थॉमस कप

Indian men's badminton team created history by defeating Indonesia in the final and won the Thomas Cup for the first timeचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने रविवार को यहां फाइनल में इतिहास रचते हुए इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर अपना पहला थॉमस कप खिताब जीत लिया। लक्ष्य सेन, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी की युगल जोड़ी और पूर्व विश्व नंबर 1 किदांबी श्रीकांत ने अपने अपने मैच जीतकर इतिहास रचते हुए भारत को बैडमिंटन की सबसे प्रतिष्ठित थॉमस कप की चमचमाती ट्राफी दिला दी।

इस से पहले भारतीय टीम 1952, 1955 और 1979 में थॉमस कप के सेमीफाइनल में पहुंची थी लेकिन ये पहला मौका है जब टीम फाइनल में पहुंची और इंडोनेशिया को हराकर जीत हासिल की है। बता दें कि इंडोनेशिया टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल देश रहा है, जिसके नाम 14 खिताब हैं।

आज सबसे पहले जीत की शुरुआत करते हुए लक्ष्य सेन ने एंथनी गिंटिंग को 8-21, 21-17, 21-16 से हराकर भारत को 1-0 से बढ़त दी। भारतीय स्टार ने एक सेट से पिछड़ने के बाद शानदार खेल दिखाया, जिसमें इंडोनेशियाई संघर्ष करते दिखाई दिए, उन पर आखिरी तक दबाव बनाकर एक शानदार जीत हासिल की। दिन के दूसरे मैच में मोहम्मद अहसान और केविन संजय सुकामुल्जो की इंडोनेशियाई जोड़ी ने सही शुरुआत की और भारत के रंकीरेड्डी और शेट्टी के खिलाफ अपना पहला गेम 21-18 से जीत लिया।

भारतीय जोड़ी ने दूसरे गेम के शुरुआती चरण में वापसी की लेकिन अहसान और सुकामुल्जो ने अपना कौशल दिखाया और पहले मैच के मौके का फायदा उठाया। हालांकि, रैंकीरेड्डी और शेट्टी ने हार मानने से इनकार करते हुए असाधारण प्रदर्शन के साथ अपनी वापसी की और आगे बढ़कर दूसरा गेम 23-21 से जीत लिया।

निर्णायक गेम में भारतीयों ने जल्द ही बढ़त बनाई, लेकिन अहसान और सुकामुल्जो ने 11-11 से बराबरी की और बढ़त बना ली। इसके बाद भारतीय जोड़ी ने भी 17-17 से बराबरी कर ली। रंकीरेड्डी और शेट्टी को आखिरकार अपना पहला मैच पॉइंट मौका मिला और दुनिया की 8वें नंबर की जोड़ी ने भारत को 21-19 से जीत दिला दी।

दिन के तीसरे मैच में किदांबी श्रीकांत का सामना जोनाथन क्रिस्टी से हुआ। भारतीय शटलर ने पूरे मैच में काफी अच्छा प्रदर्शन किया और शुरुआती गेम को 21-15 से जीत लिया। दूसरा गेम काफी करीबी रहा, लेकिन श्रीकांत ने अपने अनुभव का इस्तेमाल किया और क्रिस्टी को 23-21 से हराकर भारत के लिए खिताब पर मुहर लगा दी।

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