ILO के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष के रूप में भारत का कार्यकाल हुआ समाप्त

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: भारत सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष के रूप में अक्तूबर, 2020-जून 2021 की अवधि तक पद धारण करने के बाद आज अपना कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी राजदूत अन्ना जार्डफेल्ट को सौंपी, जो संयुक्त राष्ट्र कार्यालय, जिनेवा में स्वीडन की स्थायी प्रतिनिधि है।

भारत ने 35 वर्षों के अंतराल के बाद अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के गवर्निंग बॉडी की अध्यक्षता संभाली थी। भारत की अध्यक्षता में अक्टूबर 2020 और मार्च 2021 में गवर्निंग बॉडी के सत्रों और जून 2021 में अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के 109वें सत्र का आयोजन वर्चुअल मोड में किया गया। कार्यकाल के दौरान इन बैठकों के संचालन के लिए सभी प्रकार की नई एवं नवीन प्रक्रियाएं विकसित की गईं। अपूर्व चंद्रा ने दोनों गवर्निंग बॉडी सत्रों की अध्यक्षता की, एक वर्चुअल रूप में और दूसरा जिनेवा में व्यक्तिगत रूप से। कोविड-19 का प्रतिकूल प्रभाव होने के बावजूद, गवर्निंग बॉडी की सभी बैठकों का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया।

चंद्रा ने गवर्निंग बॉडी के सत्रों की अध्यक्षता करने के अलावा, आईएलओ सम्मेलनों की पुष्टि करने में सदस्य देशों को लचीलापन प्रदान करने के लिए भारत की स्थिति को भी साझा किया। भारत का यह अनुभव रहा है कि सम्मेलन का अनुसमर्थन करने में केवल कुछ उपबंध ही सामने आते हैं। इसलिए, सदस्य देशों को लचीलापन प्रदान करना लंबी अवधि के लिए बहुत ही महत्व रखता है; यह सामंजस्यपूर्ण रूप से नियोक्ता-कर्मचारी संबंधों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा और कर्मचारियों के कल्याण को भी सुनिश्चित करेगा।

अपने कार्यकाल के दौरान, चंद्रा ने सामाजिक सुरक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि सदस्य देशों को न केवल द्विपक्षीय रूप से सामाजिक सुरक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए बातचीत शुरू करनी चाहिए बल्कि आईएलओ के माध्यम से किसी क्षेत्र विशेष के कुछ देशों के बीच भी समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। ब्रिक्स और जी-20 जैसे मंचों पर बहुपक्षीय सामाजिक सुरक्षा समझौतों पर विचार किया जाना चाहिए।

इसके अलावा, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में भारत के पथप्रदर्शक सुधारों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उजागर किया, सदस्य देशों को एग्रीगेटर्स, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स की परिभाषाओं को विकसित करने में भारत द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया और सामाजिक सुरक्षा कोष के माध्यम से एक वित्तपोषण तंत्र स्थापित करके गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को लाभ प्रदान करने के बारे में भी बताया।

अपूर्व चंद्रा ने गवर्निंग बॉडी को दिए अपने अंतिम संबोधन में, आईएलओ सम्मेलनों की पुष्टि करने में सदस्य देशों को लचीलापन प्रदान करने और सामाजिक सुरक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रोत्साहित करने के अलावा, उन्होंने अपूर्व चंद्रा ने सदस्य देशों से उभरती हुई महामारी और कार्यस्थल पर डिजिटल फुटप्रिंट में हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए घर से काम करने के विकल्पों में आईएलओ के श्रम मानकों को अपनाने की भी सिफारिश की।

 

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