शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को एक हफ्ते में पूरे करने के निर्देश: यूपी सरकार

शिवानी रज़वारिया

उत्तर प्रदेश में लंबे समय से विवाद में फंसी 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक राहत की खबर दी है। यह सूचना मुखमंत्री योगी आदित्यनाथ ऑफिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से दी गई जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 31,661 पदों पर सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रक्रिया को एक हफ्ते में पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

शनिवार को ‘ योगी आदित्यनाथ ऑफिस ‘ के ट्विटर अकाउंट से यह ट्वीट किया गया जिसमें लिखा गया,

Yogi Adityanath Office

@myogioffice

“मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने बेसिक शिक्षा विभाग में 31,661 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया को एक सप्ताह में पूरा करने के निर्देश दिए हैं।“

उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार युवाओं को नौकरी सहित रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्पित है।

जानकारी के अनुसार आपको बता दें इससे पहले यूपी सरकार 54704 पदों पर शिक्षकों की भर्ती कर चुकी है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि 7 जनवरी 2019 के एक सरकारी आदेश के अनुसार राज्य सरकार ने सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम प्रतिशत के रूप में 65% और अन्य आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों के लिए 60% तय किया है।गौरतलब, यह 31,661 पद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 69,000 सहायक शिक्षकों में शिक्षामित्रों के पदों को छोड़कर हैं।”

पूरा मामला है क्या?

उत्तर प्रदेश सरकार ने 69,000 हजार सहायक अध्यापकों के पदों पर भर्ती निकाली थी जिसकी परीक्षा पिछले साल 6 जनवरी को आयोजित की गई थी। उसके अगले दिन 7 जनवरी को विभाग ने कटक निर्धारित की थी जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 65% एससी एसटी और ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए 7% कट ऑफ निर्धारित की गई थी। अब यही कट-ऑफ इस भर्ती को अटकाने का कारण बनी। दरअसल यह कि शिक्षामित्र हाई कोर्ट पहुंच गए और शिक्षामित्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 69000 सीटों पर 37339 पदों पर भर्ती रोकने का आदेश दे दिया। शेष 31,661 पदों की भर्ती पर कोई प्रतिबंध नहीं था।

शिक्षामित्रों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने 68500 शिक्षकों की भर्ती के लिए निर्धारित कटऑफ के अनुसार परिणाम जारी करने का आदेश दिया जिसमें सामान्य कैटेगरी के लिए 43 फ़ीसदी कट-ऑफ रखी गई और एससी एसटी और ओबीसी के लिए 40%। हालाकि प्रदेश सरकार ने इस आदेश के खिलाफ दो न्यायाधीशों वाली खंडपीठ में अपील दायर की। यह सुनवाई लगभग सवा साल तक चली। खंडपीठ ने 6 मई 2020 को सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और सरकार की ओर से निर्धारित की गई कट-ऑफ को सही ठहराया।

जिसके बाद 12 मई को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने परिणाम जारी कर दिया इनमें 59 हजार पदों पर 1 लाख 46 हज़ार अभियार्थियों ने परीक्षा  उत्तीर्ण की। 1 जून को मेरिट जारी की गई और 3 जून से काउंसलिंग शुरू कर दी गई लेकिन अभ्यर्थियों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी।परीक्षा में आए प्रश्नों पर आपत्तियों के चलते काउंसलिंग के पहले दिन ही सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती पर रोक लगा दी।

सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापकों के पदों को छोड़कर शेष पदों पर भर्ती कराने की मंजूरी दी है।सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले के तहत सीएम योगी आदित्यनाथ ने 31,661 पदों पर नियुक्ति के निर्देश दिए हैं।

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