रिश्वत मामले में बेटे की गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक बीजेपी विधायक ने केएसडीएल बोर्ड से दिया इस्तीफा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए अपने बेटे की गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष पद से भाजपा विधायक मदल विरुपाक्षप्पा ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफे को उनके दोस्तों के जरिए सीएम ऑफिस भेजा गया। भाजपा विधायक ने अपने त्याग पत्र में कहा, “लोकायुक्त छापे का मुझसे कोई संबंध नहीं है। यह मेरे परिवार के खिलाफ साजिश है। मैं नैतिक दायित्व के अनुसार अपना इस्तीफा दे रहा हूं और चूंकि मेरे खिलाफ आरोप सामने आए हैं।”
इस बीच, राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि बीजेपी विधायक मदल विरुपाक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल के खिलाफ ट्रैप के मामले की जांच चल रही है. उन्होंने कहा, ‘मैं अब कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा।
सूत्रों ने कहा कि लोकायुक्त के अधिकारी भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा से पूछताछ करने की तैयारी कर रहे हैं।
बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB) में मुख्य लेखाकार प्रशांत मदल को लोकायुक्त अधिकारियों ने गुरुवार को 40 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
आरोप है कि प्रशांत ने एक टेंडर के सिलसिले में 80 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी और पैसा उनके पिता भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा की ओर से प्राप्त हुआ था, जो कच्चे माल की खरीद के टेंडर के लिए केएसडीएल के अध्यक्ष थे।
लोकायुक्त न्यायमूर्ति बी.एस. पाटिल ने कहा था कि “छापे के दौरान 2.2 करोड़ रुपये बरामद किए गए। बाद में आवासों से 6.10 करोड़ रुपये बरामद किए गए।”
इस घटनाक्रम को सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक गंभीर झटके के रूप में देखा जा रहा है। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब विपक्ष सरकारी टेंडरों में 40 फीसदी कमीशन और घूसखोरी को लेकर हमले कर रहा है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिनकुमार कटील ने कहा है कि किसी को बचाने का कोई सवाल ही नहीं है और दोषी पाए जाने पर विधायक के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।
कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर चौतरफा हमला किया और मुख्यमंत्री बोम्मई और राज्य भाजपा प्रमुख नलिनकुमार कटील के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि इस घटना से उनके 40 प्रतिशत कमीशन और भ्रष्टाचार के आरोप साबित हुए हैं।