ईरान-इज़राइल तनाव पर खमेनेई का कड़ा बयान, “जवाबी कार्रवाई जारी रहेगी”
चिरौरी न्यूज
तेहरान: ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खमेनेई ने सोमवार को अमेरिकी हमलों के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि “ज़ायनिस्ट दुश्मन” (इज़राइल) को दी जाने वाली सज़ा जारी रहेगी। उन्होंने इन हमलों को “एक बड़ा अपराध” बताया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर खमेनेई ने कहा, “सज़ा जारी है। ज़ायनिस्ट दुश्मन ने एक बड़ी गलती की है, एक बड़ा अपराध किया है। उसे सज़ा मिलनी चाहिए और मिल रही है — यही हो रहा है।”
गौरतलब है कि 13 जून को इज़राइल द्वारा ईरान के कई ठिकानों पर किए गए हमलों में कई वरिष्ठ कमांडर, परमाणु वैज्ञानिक और आम नागरिक मारे गए थे। इसके जवाब में ईरान ने इज़राइल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए।
ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक ईरान में 400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 3,500 से अधिक घायल हुए हैं। वहीं, इज़राइल में 24 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
रविवार देर रात, इस्फहान प्रांत के नजफ़ाबाद में इज़राइली ड्रोन हमले में एक एम्बुलेंस को निशाना बनाया गया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। ईरान की ISNA समाचार एजेंसी के अनुसार, इस वाहन में एक मरीज, उसका साथी और ड्राइवर सवार थे।
नजफ़ाबाद काउंटी के गवर्नर हमीदरेज़ा मोहम्मदी फेशारकी ने बताया कि हमला उस वक्त हुआ जब एम्बुलेंस मरीज को अस्पताल ले जा रही थी। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
इधर, इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि इज़राइल ईरान और ग़ाज़ा में अपने अभियानों को जारी रखेगा। उन्होंने कहा, “हम ऐतिहासिक अभियान को अपने लक्ष्य हासिल होने तक नहीं रोकेंगे। हम थकाऊ युद्ध में घसीटे नहीं जाएंगे।”
इस बीच, ईरानी संसद ने अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु स्थलों पर किए गए हमलों के अगले दिन एक अहम प्रस्ताव पारित किया, जिसमें दुनिया के सबसे अहम तेल व्यापार मार्गों में से एक — होरमुज़ जलडमरूमध्य — को बंद करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और खमेनेई लेंगे।
अमेरिका द्वारा “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” के तहत इस्फहान, फोर्दो और नतांज़ में तीन ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया, जो अमेरिका की इस संघर्ष में पहली सीधी सैन्य कार्रवाई है। इस कदम की आलोचना भी हो रही है क्योंकि इसके लिए अमेरिकी कांग्रेस की पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई थी।