माफी नहीं मांगेंगे प्रशांत भूषण

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: प्रशांत भूषण के खिलाफ आदालत की अवमानना के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, “इंसान को अपनी गलती का एहसास होना चाहिए, हमने भूषण को समय दिया, लेकिन उनका कहना है कि वह माफी नहीं मांगेंगे।”

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट से उन्हें माफी दिये जाने की बात कही, लेकिन कोर्ट ने कहा कि अदालत केवल अपने आदेश के जरिए ही अपनी बात रख सकती है। अपने हलफनामे में भी प्रशांत भूषण ने अपमानजनक टिप्पणी की है। अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि भूषण को चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए। इसपर जज ने कहा कि लेकिन भूषण का जवाब पहले से भी ज्यादा अपमानजनक है।

सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि अगर वकील न्यायपालिका में लोगों के भरोसे को गिराने वाले बयान देंगे तो लोग कोर्ट क्यों आएंगे? हम लोग भी पहले वकील थे। आपसे अलग नहीं हैं। आलोचना का स्वागत है, लेकिन लोगों के विश्वास को डिगाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। हर बात पर मीडिया में जाना सही नहीं। गरिमा का ख्याल रखना चाहिए।

इस से पहले आज मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के दोषी प्रशांत भूषण उनके ट्वीट को लेकर खेद नहीं जताने के अपने रुख पर “फिर से विचार” करने के लिए 30 मिनट का समय दिया। न्यायालय ने कहा कि प्रशांत भूषण को बोलने की स्वतंत्रता है, लेकिन उनका कहना है कि वह अवमानना के लिए माफी नहीं मांगेंगे। अदालत ने अटॉर्नी जनरल की उस मांग के बाद यह टिप्पणी की जब अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अदालत को भूषण को चेतावनी देनी चाहिए और दयापूर्ण रुख अपनाना चाहिए।

प्रशांत भूषण ने न्यायपालिका के खिलाफ किये गये उनके दो ट्वीट पर शीर्ष अदालत में माफी मांगने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उन्होंने जो कहा वह उनका वास्तविक विश्वास है, जिसपर वह कायम हैं।

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