जम्मू-कश्मीर में ‘हड़ताल कैलेंडर’ की जगह अब ‘खेलो इंडिया कैलेंडर’: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश ने बीते कुछ वर्षों में एक बड़ा बदलाव देखा है। पहले जहां ‘हड़ताल और बंद’ के कैलेंडर जारी होते थे, अब उनकी जगह ‘खेलो इंडिया’ कैलेंडर ने ले ली है। उन्होंने यह बात डल झील में आयोजित खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में कही।
“अब सड़कों पर नहीं, स्टेडियम में गूंजती है युवाओं की आवाज़”
उपराज्यपाल ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में एक जीवंत खेल पारिस्थितिकी तंत्र (स्पोर्ट्स ईकोसिस्टम) विकसित हुआ है। 5-6 साल पहले जहां विभिन्न खेलों में 3-4 लाख लोग भाग लेते थे, अब यह संख्या बढ़कर 30-40 लाख तक पहुंच गई है।”
उन्होंने प्रतिभागियों से अपील की कि वे जम्मू-कश्मीर के “ब्रांड एम्बेसडर” बनें और अपने-अपने घर लौटकर वहां के लोगों को यहां के बदलावों के बारे में बताएं।
“अब बंद नहीं, खेल होते हैं”
सिन्हा ने कहा, “आप लोगों को बताइए कि जम्मू-कश्मीर के युवा भी पूरे देश के युवाओं की तरह खेलों में भाग ले रहे हैं। अब यहां बंद और हड़ताल के कैलेंडर जारी नहीं होते, बल्कि खेलो इंडिया के कैलेंडर जारी होते हैं। अब युवाओं की आवाज सड़कों पर नहीं, बल्कि स्टेडियमों में गूंजती है।”
“तीन दशक तक सहा दर्द, अब बदल रही है तस्वीर”
उन्होंने कहा, “देश का यह मुकुटमणि (क्राउन ज्वेल) पिछले तीन दशकों में बहुत कुछ झेल चुका है, लेकिन अब यहां के युवा एक नई जिंदगी जी रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि आप लोग यहां के बदलाव की कहानी देशभर में सुनाएंगे।”
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
एलजी सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता का आयोजन यह संदेश देता है कि जम्मू-कश्मीर में अब शांति, सामान्य स्थिति और प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे सर्दियों में विंटर स्पोर्ट्स पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, वैसे ही गर्मियों में वाटर स्पोर्ट्स पर्यटन को बढ़ावा देंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
उपराज्यपाल का यह संदेश न केवल जम्मू-कश्मीर में हो रहे सकारात्मक बदलावों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि खेलों के माध्यम से राज्य में एक नई पहचान और ऊर्जा का संचार हो रहा है।
