कोलकाता लॉ कॉलेज बलात्कार: पुलिस ने एकमात्र गवाह सुरक्षा गार्ड को हिरासत में लिया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: दक्षिण कोलकाता के कस्बा स्थित लॉ कॉलेज में 25 जून की शाम को छात्रा के साथ हुए बलात्कार की घटना की जांच कर रहे जांच अधिकारियों ने सुरक्षा गार्ड को हिरासत में ले लिया है। कोलकाता पुलिस ने शनिवार को इसकी पुष्टि की। पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत के अनुसार सुरक्षा गार्ड अपराध का एकमात्र गवाह भी है।
उसे पूछताछ के लिए शुक्रवार रात हिरासत में लिया गया था, क्योंकि मामले में पहले से गिरफ्तार तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने में जांच अधिकारियों के लिए उसके बयान बेहद महत्वपूर्ण होंगे। हालांकि, बुधवार रात को यौन उत्पीड़न के तुरंत बाद शिकायत दर्ज कराते समय पीड़िता द्वारा पुलिस को दिए गए बयानों के अनुसार, उक्त सुरक्षा गार्ड एक “असहाय गवाह” था, जिसके पास उसे बचाने का कोई रास्ता नहीं था। पीड़िता के बयान के अनुसार, उसे कॉलेज परिसर के भीतर गार्ड रूम में जबरदस्ती ले जाने के बाद, वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड को कमरे से बाहर निकाल दिया गया और उसके बाद तीनों पुरुषों ने उसका यौन उत्पीड़न किया।
हालांकि, शहर पुलिस के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि 55 वर्षीय सुरक्षा गार्ड द्वारा दिए गए बयानों में कुछ विसंगतियां थीं, इसलिए उसे आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
शहर पुलिस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पीड़िता की शिकायत के अनुसार, बलात्कार के आरोपियों ने घटना का वीडियो भी बनाया और धमकी दी कि अगर उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में किसी को बताया तो वे वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे।
जांच अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या आरोपियों ने उक्त वीडियो को दूसरों को भी प्रसारित किया है।
इस मामले में तीनों आरोपियों मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय के तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा तृणमूल छात्र परिषद से जुड़े होने की जानकारी पहले ही सामने आ चुकी है। मिश्रा की तृणमूल कांग्रेस के विभिन्न शीर्ष और दिग्गज नेताओं के साथ तस्वीरें पहले ही सोशल मीडिया पर छा चुकी हैं। मिश्रा जहां उसी लॉ कॉलेज के पूर्व छात्र हैं, वहीं अन्य दो मौजूदा छात्र हैं। शुक्रवार को तीनों को 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।