गृहमंत्री अमित शाह से मिले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेन्द्र फडणवीस

Maharashtra CM Eknath Shinde and Devendra Fadnavis meet Home Minister Amit Shah
(Pic credit (Twitter/Amit Shah)

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: राज्य में नई सरकार के गठन के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की है.  इन दोनों नेताओं की अमित शाह के साथ मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शुक्रवार रात को शिंदे और फडणवीस ने अमित शाह से मुलाकात कर महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात की उन्हें जानकारी दी।

बता दें कि, तमाम राजनीतिक कयासों को धत्ता बताते हुए भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी। भाजपा आलाकमान के निर्देश पर देवेंद्र फडणवीस ने भी उसी दिन उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती मंत्रिमंडल का विस्तार कर विभागों का बंटवारा करना है।

महाराष्ट्र में शिंदे गुट और भाजपा नेताओं की चर्चा के दौरान कई फॉर्मूले पर चर्चा हुई। इसलिए यह माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे ने शाह से मुलाकात के दौरान मंत्रियों की संख्या और विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा की होगी।

अमित शाह ने शिंदे और फडणवीस के साथ मुलाकात की तस्वीरों को साझा करते हुए ट्वीट कर कहा, “महाराष्ट्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी से भेंट की और उन्हें शुभकामनाएं दीं। मुझे विश्वास है कि श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में आप दोनों पूरी निष्ठा के साथ जनता की सेवा कर महाराष्ट्र को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।”

दरअसल, विधायकों की संख्या के आधार पर बड़ी पार्टी होने के बावजूद भविष्य की रणनीति को ध्यान में रखते हुए भाजपा आलाकमान ने शिवसेना को सत्ता से बाहर करने वाले एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन विधायकों की संख्या के आधार पर एक फॉमूर्ला बनाकर भाजपा मंत्रिमंडल का गठन करना चाहती है।

वहीं, एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे सरकार का साथ छोड़ने वाले सभी 8 मंत्रियों के साथ-साथ 4-5 और महत्वपूर्ण विधायकों को अपने कोटे से मंत्री बनाना चाहते हैं। शिवसेना पर कब्जा जमाने के मकसद से शिंदे महत्वपूर्ण मंत्रालयों को भी अपने कोटे में रखना चाहते हैं।

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