चिकित्सा पाठ्यक्रम में आरक्षण को मायावती ने बताया चुनावी फैसला

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: एमबीबीएस और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण का प्रावधान किये जाने के केंद्र सरकार के फैसले को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने सरकार का चुनावी फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि यह चुनावी राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया फैसला लगता है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय आरक्षण योजना के अंतर्गत मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2021-22 से स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा और दंत पाठ्यक्रमों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है।

अब इस फैसले पर राजनीति शुरू हो गयी है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि, ”देश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की अखिल भारतीय स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों में ओबीसी आरक्षण की घोषणा काफी देर से उठाया गया कदम है।” उन्होंने कहा, ”केंद्र सरकार अगर यह फैसला पहले ही समय से ले लेती तो इन वर्गों को अब तक काफी लाभ हो जाता, किन्तु अब लोगों को यह चुनावी राजनीतिक स्वार्थ हेतु लिया गया फैसला लगता है।”

मायावती ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ”वैसे बसपा बहुत पहले से सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी और ओबीसी कोटा के बैकलॉग पदों को भरने की मांग लगातार करती रही है, किंतु केंद्र व उत्‍तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों की भी सरकारें इन वर्गों के वास्तविक हित और कल्याण के प्रति लगातार उदासीन बनी हुई हैं, जो बहुत दुखद है।”

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