मोहम्मद शमी ने शेयर की चोट से वापसी की कठिन यात्रा, “सोचा था फिर कभी भारत के लिए नहीं खेल पाऊंगा”

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने 2023 में ankle चोट के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी को लेकर अपनी कठिन यात्रा के बारे में खुलासा किया। शमी ने कहा कि चोट के कारण कई बार उन्हें लगा था कि वह भारत के लिए फिर कभी नहीं खेल पाएंगे।
शमी ने 2023 वर्ल्ड कप के दौरान अपनी एंकल चोट ली थी, जिसके बाद वह एक साल से अधिक समय तक एक्शन से बाहर रहे। वह 2023 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत की ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद से ही मैदान पर नहीं लौट पाए थे, हालांकि टूर्नामेंट में वह भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।
शमी ने बंगाल के रणजी ट्रॉफी के पांचवे राउंड के मुकाबले में माध्य प्रदेश के खिलाफ सात विकेट लेकर क्रिकेट में वापसी की। इसके अलावा उन्होंने सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें 11 मैचों में नौ विकेट लिए, और उनका इकोनॉमी रेट 7.85 था।
हालांकि, वह पूरी पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज़ में चोट के कारण शामिल नहीं हो सके। लेकिन, 34 वर्षीय शमी ने इंग्लैंड के खिलाफ पिछले महीने चार वनडे मैचों में सफल वापसी की और अब वह 2025 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में बांगलादेश के खिलाफ भारत के पहले मैच में खेलने के लिए तैयार हैं।
शमी ने आईसीसी से कहा, “वर्ल्ड कप के दौरान शानदार फॉर्म में होने से लेकर अचानक ऑपरेशन की मेज़ पर पहुंचने तक की यात्रा बहुत कठिन थी। पहले तो मैंने डॉक्टर से पूछा था कि ‘मैं कितने दिन बाद मैदान पर लौट सकता हूं?’ उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता आपको चलने की, फिर दौड़ने की है, और प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलने का ख्वाब बहुत दूर था।”
शमी ने बताया, “मैं हमेशा सोचता था कि मैं फिर से कब मैदान पर कदम रख पाऊंगा। जो शख्स मैदान पर दौड़ता था, वह अब क्रच्ज पर था। मुझे हमेशा यही ख्याल आता था कि क्या मैं फिर से खेल पाऊंगा? क्या मैं बिना लंगड़े हुए चल पाऊंगा?”
उन्होंने कहा, “पहले दो महीने मैं इस बात को लेकर संदेह में था कि क्या मैं फिर से खेल पाऊंगा। ऐसी चोट के बाद 14 महीने का ब्रेक आपके हौसले को तोड़ सकता है।”
शमी ने कहा कि भारत के लिए फिर से खेलने की ख्वाहिश ने उन्हें इस दर्द से उबरने की ताकत दी। “जब 60 दिन बाद मुझे जमीन पर कदम रखने के लिए कहा गया, तो यकीन मानिए, मुझे इतना डर कभी नहीं लगा था। यह बिलकुल ऐसा महसूस हुआ जैसे मैं फिर से शरुआत कर रहा हूं, जैसे कोई बच्चा चलना सीख रहा हो।”
“देश के लिए खेलने का हौसला और प्यार सबसे बड़े प्रेरणा स्त्रोत हैं और भारत का निशान पहनने की चाहत ने मुझे आगे बढ़ाया। आप दर्द को सहते हुए एक कदम बढ़ाते हो और बिना शिकायत किए, नफरत के बिना इस रास्ते पर चलते हो,” शमी ने कहा।
शमी ने यह भी कहा कि वह अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार भारत के लिए खेलते रहेंगे। “मेरी प्रेरणा हमेशा यह रही है कि जितना हो सके अपने देश की सेवा करूं, क्योंकि एक बार जब आप रिटायर हो जाते हो, तो आप बाकी सभी की तरह होते हो। भगवान की कृपा से आज मैं फिर से भारत के लिए खेल रहा हूं और अब बेहतर महसूस कर रहा हूं,” शमी ने जोड़ा।
