संसद का मानसून सत्र आज से शुरू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने की सदन के सुचारू संचालन की अपील

Monsoon session of Parliament begins today, Lok Sabha Speaker Om Birla appeals for smooth functioning of the House
(File Photo/Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: संसद का पांचवां (मानसून) सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सभी सांसदों से सदन के सुचारू संचालन में सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा कि संसद देशहित, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मंच है।

ओम बिड़ला ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “18वीं लोकसभा का पांचवां सत्र आज से प्रारंभ हो रहा है। लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर में जन-आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय हितों की रक्षा हेतु सभी प्रतिनिधियों की सामूहिक भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

बिड़ला ने सभी दलों के नेताओं से रचनात्मक चर्चा और स्वस्थ लोकतांत्रिक संवाद बनाए रखने की अपील की। यह सत्र 21 अगस्त तक चलने वाला है।

उन्होंने आगे लिखा, “मानसून सत्र से पूर्व सभी दलों के नेताओं व माननीय सदस्यों से अपेक्षा है कि वे सदन के सुचारू संचालन, रचनात्मक चर्चाओं व लोकतांत्रिक संवाद में सहयोग करें, जिससे हम समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और आर्थिक प्रगति की दिशा में ठोस कदम उठा सकें।”

लोकसभा अध्यक्ष ने आशा जताई कि यह सत्र लोकतंत्र की गरिमा, संसद की प्रतिष्ठा और जनकल्याण की प्राथमिकता को समर्पित रहेगा और सफलतापूर्वक संपन्न होगा।

“आशा है कि यह मानसून सत्र लोकतांत्रिक चेतना, विविधता में एकता और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में सार्थक योगदान देगा,” बिड़ला ने कहा।

इससे पहले, सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करने वाले हैं। यह सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब राजनीतिक माहौल बेहद गर्म है। विपक्ष हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के परिणामों समेत कई ज्वलंत मुद्दों को सदन में उठाने की तैयारी में है।

एक दिन पहले, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी सहयोग की अपील की थी। उन्होंने कहा था, “राजनीतिक दलों की विचारधाराएं भले अलग हों, लेकिन संसद को सुचारू रूप से चलाना हम सभी की समान जिम्मेदारी है—सरकार की भी और विपक्ष की भी।”

संसद के इस मानसून सत्र में कई अहम विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है। विपक्ष और सरकार के बीच टकराव के आसार हैं, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन करते हुए यह सत्र सार्थक और उत्पादक रहेगा।

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