मोर्ने मोर्कल ने की भारतीय गेंदबाजों की तारीफ, ‘जी-जान लगा देते हैं, विकेट उसी का इनाम है’
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत के गेंदबाज़ी कोच मोर्ने मोर्कल ने एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन के खेल के बाद मोहम्मद सिराज और आकाश दीप की जमकर तारीफ की, जिन्होंने मिलकर 13 विकेट लेकर भारत को पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 1-1 की बराबरी के बेहद करीब ला दिया है। इंग्लैंड को जीत के लिए अब भी 536 रन की दरकार है और उनके सात विकेट शेष हैं।
मोर्कल ने सिराज के जज़्बे को सलाम करते हुए कहा, “सिराज ऐसा खिलाड़ी है जिसे मैं बहुत सम्मान देता हूं। वो हमेशा अपनी बॉडी की लिमिट तक जाता है। कई बार वह बहुत ज़्यादा कोशिश करने की वजह से असंतुलित हो जाता है, इसलिए हमें उसकी आक्रामकता और ऊर्जा को संभालना होता है, क्योंकि वह दिल से गेंदबाज़ी करता है। जब टीम को ज़रूरत होती है, वह हर हाल में गेंदबाज़ी करने को तैयार रहता है। शायद हम उसे उसका क्रेडिट पूरा नहीं देते।”
सिराज ने इस टेस्ट में फ्लैट पिच पर पांच विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया। मोर्कल ने कहा, “पिछले टेस्ट के बाद हमने एक ईमानदार बातचीत की थी कि हमें किन क्षेत्रों में सुधार करना है, और मुझे लगता है कि हमनें वैसा किया भी है। खासकर जब हमारे पास सबसे अनुभवी गेंदबाज़ नहीं है, फिर भी टीम ने प्रतिक्रिया दी।”
वहीं आकाश दीप को लेकर मोर्कल ने कहा, “वह एक आक्रामक गेंदबाज़ है, जो स्टंप्स पर गेंद डालता है और सवाल पूछता है। इंग्लैंड में ऐसी गेंदबाज़ी बहुत कारगर होती है। जो रूट को जिस तरह उन्होंने आउट किया, वह एक सपना डिलीवरी थी। इससे आकाश की क्वालिटी और आत्मविश्वास दोनों झलकते हैं। उम्मीद है वह उस डिलीवरी को आज रात कई बार अपने फोन पर दोहराएंगे और कल दोबारा ऐसा ही प्रदर्शन करेंगे।”
मोर्कल ने माना कि यह पिच गेंदबाज़ों के लिए आसान नहीं है। उन्होंने कहा, “इस तरह की फ्लैट पिच पर आपकी स्किल की असली परीक्षा होती है। बहुत कम गलती की गुंजाइश होती है। लेकिन चुनौती को स्वीकार करना ही असली खेल है।”
टैक्टिक्स को लेकर मोर्कल ने बताया कि ऐसी पिच पर गेंदबाज़ी करते वक्त शॉर्ट गेंद और ऑफ स्टंप के बाहर फील्डिंग के विकल्प खुले रखने चाहिए। उन्होंने कप्तान शुभमन गिल की भी तारीफ की कि उन्होंने मौके का फायदा उठाने के लिए आक्रामक फील्ड सजाई, जो मैच की स्थिति में बदलाव ला सकती थी।
अंत में मोर्कल ने कहा, “कल का दिन हमारे लिए बेहद अहम है। जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती जाएगी, बल्लेबाज़ी आसान होती जाएगी। हमें बस सही लेंथ पर लगातार सवाल पूछते रहना होगा।”