भारत में शरण लिए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर बोले मुहम्मद यूनुस, सोशल मीडिया से बांग्लादेश में बढ़ रहा गुस्सा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: बांग्लादेश के अंतरिम नेता और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस ने भारत की जमीन से दिए जा रहे शेख हसीना के बयानों पर नाराजगी जताई है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि शेख हसीना को बांग्लादेश के लोगों को संबोधित करने से रोका जाए।
लंदन स्थित चैथम हाउस (रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स) में एक संवाद के दौरान यूनुस ने शेख हसीना की भारत से हो रही गतिविधियों पर चिंता जताई और कहा कि इससे बांग्लादेश में अस्थिरता और जनआक्रोश बढ़ रहा है।
“सारा गुस्सा अब भारत की ओर मुड़ गया है, क्योंकि वह वहीं रह रही हैं। जब मुझे प्रधानमंत्री मोदी से बात करने का मौका मिला, तो मैंने कहा — आप उन्हें अपने यहां रहने देना चाहते हैं, यह आपकी नीति है। लेकिन कृपया यह सुनिश्चित करें कि वह जिस तरह से बांग्लादेश के लोगों को संबोधित कर रही हैं, उसे रोका जाए,” यूनुस ने कहा।
यूनुस के अनुसार, अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन से सत्ता से बेदखल होने के बाद शेख हसीना भारत आ गई थीं और वहीं से लगातार फेसबुक, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया माध्यमों के जरिए बांग्लादेशियों को संबोधित कर रही हैं। वह इन प्रसारणों की पहले से घोषणा करती हैं, जिससे जनता में भारी रोष पैदा होता है।
“वह कहती हैं कि इस दिन, इस समय पर मैं बोलूंगी, और पूरे बांग्लादेश में गुस्सा भड़क जाता है। यह बहुत विस्फोटक स्थिति है। प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे जवाब दिया — ‘ये सोशल मीडिया है, इसे हम नियंत्रित नहीं कर सकते’,” यूनुस ने बताया।
भारत से प्रत्यर्पण की मांग, पर कोई ठोस जवाब नहीं
अंतरिम नेता ने यह भी खुलासा किया कि भारत सरकार को एक अनौपचारिक और बिना दस्तखत वाला राजनयिक नोट भेजा गया है, जिसमें शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की गई है। हालांकि भारत की ओर से इसकी प्राप्ति की पुष्टि हुई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
“हम सब कुछ वैध और संवैधानिक तरीके से करना चाहते हैं। भारत हमारा पड़ोसी है, हम अच्छे संबंध चाहते हैं। लेकिन हर बार भारतीय मीडिया की झूठी खबरें माहौल बिगाड़ देती हैं,” यूनुस ने कहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ खबरों का संबंध भारतीय नीति-निर्माताओं से भी होता है, जिससे बांग्लादेश में असंतोष और बढ़ता है।
युद्ध अपराधों के आरोप, इंटरपोल नोटिस की तैयारी
यूनुस ने बताया कि बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना के खिलाफ मुकदमे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन पर सत्ता के आखिरी महीनों में मानवाधिकार उल्लंघनों और हिंसा के गंभीर आरोप हैं। नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं, और संभावना जताई जा रही है कि इंटरपोल की मदद भी ली जा सकती है।
अंतरिम सरकार ने अगस्त 2024 की हिंसा और कार्रवाई के दौरान मारे गए सैकड़ों नागरिकों के मामलों की जांच शुरू की है। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को विद्रोह के कुछ दिन बाद भंग कर दिया गया था। यूनुस ने साफ किया कि वह या उनके सलाहकार अगली सरकार का हिस्सा नहीं बनेंगे।
फिलहाल छात्र आंदोलन से निकले नेताओं ने नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) का गठन किया है, जिसे अंतरिम सरकार का समर्थन प्राप्त है। अवामी लीग के कई पूर्व नेताओं पर देश और विदेश में मुकदमे चल रहे हैं।
बांग्लादेश इस समय नाजुक संक्रमण काल से गुजर रहा है, और यूनुस ने अपील की है कि बाहरी ताकतें इस स्थिति को और न बिगाड़ें।