नेशनल हेराल्ड मामला: राहुल गांधी के वकील ने अदालत में कहा, “AICC का उद्देश्य अखबार को पुनर्जीवित करना था, संपत्ति हड़पना नहीं”

National Herald case: Rahul Gandhi's lawyer told the court, "AICC's aim was to revive the newspaper, not grab the property"
(Screenshot/Twitter/Video)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली की एक विशेष अदालत को बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) का उद्देश्य एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्ति को हड़पना नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शुरू हुए अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ को पुनर्जीवित करना था।

राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एस. चीमा ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष प्रवर्तन निदेशालय (ED) की दलीलों को “गलत व्याख्या” करार दिया। उन्होंने कहा कि ED ने जानबूझकर AJL का मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन अदालत में प्रस्तुत नहीं किया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कंपनी की नीतियाँ कांग्रेस की नीतियों के अनुरूप होंगी।

चीमा ने जोर देकर कहा, “AICC का उद्देश्य कभी भी AJL की संपत्ति बेचना नहीं था। यह एक गैर-लाभकारी संस्था थी, और अखबार कभी भी एक व्यावसायिक इकाई नहीं रहा।”

ED का आरोप है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन नामक कंपनी में 76% हिस्सेदारी है, जिसने मात्र 50 लाख रुपये देकर AJL की लगभग 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया। एजेंसी का दावा है कि यंग इंडियन की हिस्सेदारी केवल नाम मात्र की है और कंपनी पर नियंत्रण गांधी परिवार का ही है।

ED ने यह भी कहा कि अन्य सभी आरोपी — सैम पित्रोदा, सुमन दुबे आदि — गांधी परिवार की कठपुतली के रूप में कार्य कर रहे हैं।

इससे पहले शुक्रवार को सोनिया गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ED के मुकदमे को “अभूतपूर्व और अजीब” बताते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इसमें न तो कोई नकद लेन-देन हुआ और न ही कोई वास्तविक संपत्ति हड़पी गई।

बता दें कि यह विवाद सबसे पहले 2012 में तब सामने आया था जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात की शिकायत दर्ज कराई थी।

ईडी ने अपनी जांच में पाया कि यंग इंडियन ने AJL की संपत्तियों पर नियंत्रण पा लिया, और उनके बाजार मूल्य को जानबूझकर कम करके आंका गया। नवंबर 2023 में एजेंसी ने 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और 90.2 करोड़ रुपये मूल्य के AJL शेयर जब्त किए, जिन्हें अपराध से अर्जित आय बताया गया।

अब अदालत ने सभी आरोपियों को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई आगामी सप्ताह में होने की संभावना है।

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