नई शिक्षा नीति: अब 5+3+3+4 पैटर्न पर होगी पढ़ाई
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: आज केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। नई शिक्षा नीति के तहत मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। नई शिक्षा नीति में बच्चों के लिए भाषा के विकल्प को बढ़ा दिया गया है तथा अब शुरुआत से ही स्थानीय भाषा के साथ तीन अलग-अलग भाषाओं में शिक्षा दिए जाने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही क्लास छह से आठवीं तक के बच्चों को कम से कम दो साल का लैंग्वेज कोर्स भी कराये जाने का प्रस्ताव है।
छात्रों के लिए नए पाठ्यक्रम तैयार करने का प्रस्ताव रखा है और नई नीति में 3 से 18 साल के छात्रों के लिए 5+3+3+4 का डिजाइन तय किया गया है। इसके तहत छात्रों की शुरुआती स्टेज की पढ़ाई के लिए 5 साल का प्रोग्राम तय किया गया है। इनमें 3 साल प्री-प्राइमरी और क्लास-1 और 2 को जोड़ा गया है। इसके बाद क्लास-3, 4 और 5 को अगले स्टेज में रखा गया है। इसके अलावा क्लास-6, 7, 8 को तीन साल के प्रोग्राम में बांटा गया है। आखिर क्लास-9, 10, 11, 12 को हाई स्टेज में रखा गया है।
नई शिक्षा नीति का उद्देश्य ये भी है कि भारत में वर्ष 2030 तक हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को नई शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था। इस दौरान ही निशंक ने मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। नई शिक्षा नीति के मसौदे को विभिन्न पक्षकारों की राय के लिये सार्वजनिक किया गया था और मंत्रालय को इस पर दो लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए।