अमेरिका के परमाणु कानून को लेकर निशिकांत दुबे का राहुल गांधी पर हमला – “हम 2006 से अमेरिका के गुलाम हैं”

Nishikant Dubey attacks Rahul Gandhi over US nuclear law – “We are slaves of America since 2006”चिरौरी न्यूज

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी और नेता विपक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। दुबे ने 2006 के हेनरी जे. हाइड यूएस-इंडिया पीसफुल एटॉमिक एनर्जी एक्ट को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं और दावा किया है कि यह कानून भारत को अमेरिका की तरह “गुलाम” बनाने वाला था।

दुबे ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “…हम 2006/2008 से अमेरिका के इस कानून के तहत गुलाम बन गए हैं… अमेरिका जब चाहे हमारे देश के नागरिकों और सामरिक परमाणु संयंत्रों की जांच कर सकता है। क्या भारत भी ऐसा अमेरिका में कर सकता है?”

कांग्रेस पर ‘MPs खरीदने’ का आरोप

दुबे ने यह भी सवाल उठाया कि 2008 में अमेरिका का ऐसा कौन-सा दबाव था कि “पार्टियों को तोड़ा गया और सांसदों को खरीदकर यह कानून पास करवाया गया?”
उन्होंने पूछा,
“अगर भारत एक संप्रभु राष्ट्र है, तो अमेरिका की संसद भारत के लिए कानून कैसे बना सकती है?”

निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी को याद दिलाया कि 2008 के दौरान वह कांग्रेस पार्टी के महासचिव थे।
“राहुल बाबा, उस समय आप कांग्रेस के महासचिव थे। क्या आपको नहीं पता कि उस समय क्या हुआ था?” – दुबे ने तंज कसा।

1995 के परमाणु परीक्षण की योजना का भी जिक्र

बुधवार को दुबे ने एक और बड़ा दावा किया था कि 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव परमाणु परीक्षण करना चाहते थे, लेकिन अमेरिकी दबाव में यह योजना रद्द कर दी गई।
दुबे ने कहा कि उस समय की कांग्रेस सरकार ने अमेरिका के डर से परीक्षण नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत की योजना की जानकारी एक वरिष्ठ मंत्री या अधिकारी द्वारा अमेरिका को लीक की गई थी।

दुबे के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ने तत्काल भारत के पीएमओ के प्रधान सचिव को एक रात में टेलीग्राम भेजकर बैठक की मांग की, जिसके बाद परीक्षण रोक दिया गया।

दुबे ने उस समय की गोपनीय अमेरिकी दस्तावेजों का हवाला देते हुए लिखा,
“चार्ज डी’अफेयर्स को निर्देश दिया गया कि जैसे ही अमेरिकी राजदूत लौटें, उन्हें पीएमओ के प्रमुख सचिव वर्मा से मिलवाया जाए।”

दुबे ने 1998 में भाजपा सरकार के नेतृत्व में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण का उल्लेख करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद परमाणु परीक्षण किया और भारत की संप्रभुता का सम्मान बनाए रखा।

“आज प्रधानमंत्री मोदी ने भी वैसा ही दृढ़ निश्चय दिखाया है। राहुल गांधी को इतिहास पढ़ना चाहिए और खुद पर विचार करना चाहिए,” दुबे ने लिखा।

निशिकांत दुबे के इन बयानों से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। कांग्रेस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन भाजपा सांसद ने एक बार फिर अमेरिका से जुड़े परमाणु समझौते को लेकर कांग्रेस की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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