ऑपरेशन सिंदूर न्याय द्वारा निर्देशित संयमित कार्रवाई: राजनाथ सिंह
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में भाजपा के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए रामचरितमानस की पंक्ति “जिन्ह मोहि मारा, ते मै मारे…” दोहराई। उन्होंने भारत के हालिया ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की भावना का आह्वान किया।
रक्षा मंत्री का यह बयान पहलगाम आतंकी हमले के कुछ ही सप्ताह बाद आया, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने एक नेपाली नागरिक सहित 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी। 7 मई को शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर भारत की नपी-तुली लेकिन आक्रामक प्रतिक्रिया थी, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
रक्षा मंत्री सिंह ने इसे उकसावे के बजाय न्याय द्वारा निर्देशित संयमित अभियान बताया। राष्ट्रीय संकल्प की इस पृष्ठभूमि के बीच रक्षा मंत्री ने पहाड़ी स्टेशन पचमढ़ी में शिविर में 200 से अधिक भाजपा सांसदों और विधायकों को संबोधित किया, जो कभी औपनिवेशिक बस्ती थी, और नेतृत्व, नैतिकता और सार्वजनिक कर्तव्य के बारे में एक शक्तिशाली संदेश दिया। उन्होंने पार्टी नेताओं को याद दिलाया कि लोकतंत्र में सत्ता कभी स्थायी नहीं होती है और इसे विनम्रता के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज जनादेश एक नेता के पास हो सकता है, लेकिन कल यह कहीं और जा सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा, “इसलिए, अहंकार से बचना चाहिए और सार्वजनिक सेवा को ईमानदारी और जवाबदेही के साथ अपनाना चाहिए।”
14 से 16 जून तक आयोजित प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया और इसमें 201 भाजपा प्रतिनिधि शामिल हुए। वैचारिक समझ को गहरा करने और नेतृत्व की नैतिकता को मजबूत करने के लिए सत्र आयोजित किए गए, जिसमें पहली बार के विधायकों के साथ-साथ अनुभवी विधायकों के लिए अलग-अलग चर्चाएँ की गईं।