RCB स्टाम्पीड केस: कर्नाटक हाई कोर्ट का आदेश – 8 जुलाई तक नहीं होगी गिरफ्तारी

RCB Stampede Case: Karnataka High Court orders - No arrests till July 8चिरौरी न्यूज

बेंगलुरु: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और DNA इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के अधिकारियों व प्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज स्टाम्पीड केस में कर्नाटक हाई कोर्ट ने पुलिस को 8 जुलाई तक किसी भी तरह की ज़बरदस्ती कार्रवाई जैसे गिरफ्तारी न करने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एस.आर. कृष्ण कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को पारित किया। कोर्ट ने यह भी दर्ज किया कि विशेष लोक अभियोजक (SPP) ने आश्वस्त किया है कि पुलिस जबरन कार्रवाई नहीं करेगी और जांच कर्नाटक की आपराधिक जांच विभाग (CID) द्वारा की जा रही है।

पीठ ने कहा कि चूंकि दोनों एफआईआर की विषय-वस्तु समान है और जांच जारी है, इसलिए पुलिस को इस पर आगे की कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को जांच में पूरा सहयोग देने का भी निर्देश दिया।

इस बीच, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के अध्यक्ष रघुराम भट ने मंगलवार को बेंगलुरु अर्बन के डिप्टी कमिश्नर जी. जगदीशा के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। राज्य सरकार ने डीसी को इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है। सूत्रों के अनुसार, भट ने करीब 40 मिनट तक बयान दिया।

गौरतलब है कि 4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की थी।

पिछले गुरुवार को राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी सवाल किया कि एक ही घटना की जांच के लिए कई आयोग क्यों गठित किए गए हैं।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी.के. राव और न्यायमूर्ति सी.एम. जोशी की खंडपीठ ने अभियोजन पक्ष से सभी संचारों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया — चाहे वो घटना से पहले हो या बाद का।

बेंच ने आगाह किया कि अगर अलग-अलग आयोगों की रिपोर्ट में भिन्नता पाई गई तो राज्य सरकार को बख्शा नहीं जाएगा।

हाई कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि क्या आयोजन के लिए कोई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लागू की गई थी और क्या सुरक्षा संबंधी पर्याप्त दिशानिर्देश तय किए गए थे।

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