पीपीपी मॉडल ट्रेनों के लेट होने पर मिलेगा यात्रियों को मुआवजा
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: देश भर में ट्रेनों की समय पर और सुचारु परिचालन के लिए पीपीपी मॉडल की चर्चा जोरों पर है। इस मॉडल को लागू करने से पहले रलवे ने प्राइवेट कंपनियों के लिए कुछ शर्त रखा है। जिसमें एक महत्वपूर्ण शर्त ये है कि अगर ट्रेन समय पर अपने गंतव्य स्टेशन पर नहीं पहुंचेगी तो यात्रियों को मुवावजा देना पड़ेगा। हालांकि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है लेकिन बताया जा रहा है कि इस शर्त के साथ ट्रेनों की समय पर सुचारू रूप से परिचालन में आमूलचूल हो सकती है।
इसके साथ ही ट्रेन की स्पीड बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा गया है। रेलवे के नये नियम के अनुसार ट्रेन में सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जाएगा। सूत्रों की माने तो पीपीपी मॉडल से चलने वाली ट्रेनों में अत्याधुनिक फीचर्स को शामिल किया जा सकता है। पीपीपी मॉडल से चलने वाली ट्रेनों की रफ्तार 180 किमी/घंटा तक हो सकती है जिससे उसे समय पर अपने गंतव्य तक पहुँचने में आसानी होगी। वहीं ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा ट्रेन में आपातकालीन टॉक सुविधा भी बोगी में उपलब्ध रहेगी।
पीपीपी मॉडल पर यात्री रेलगाड़ियों के संचालन के लिए प्राइवेट कंपनियों से आवेदन आमंत्रित करने के पूर्व आयोजित बैठक में 16 कंपनियों ने भाग लिया। सूत्रों के अनुसार इन कंपनियों में बॉम्बार्डियर, स्पेन की सीएएफ, हवाई अड्डा कंपनी जीएमआर, भारतीय रेल की कंपनी राइट्स और सार्वजनिक उपक्रम भेल भी शामिल हैं। भारतीय रेलवे के एक अधिकारी ने कहा है कि 12 निजी रेलगाड़ियों की पहला बैज 2023 परिचालन शुरू कर देगा, जिसके बाद अगले वित्त वर्ष में ऐसी 45 रेलगाड़ियां शुरू होंगी। उन्होंने कहा कि ऐसी सभी 151 रेलगाड़ियां अपने पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 2027 तक शुरू हो जाएंगी।