पतंजलि ने लांच किया कोरोना की दवा कोरोनिल

चिरौरी न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली: पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना से निपटने के लिए आज मंगलवार को दवा लांच किया है। इसका नाम कोरोनिल रखा गया है। पतंजलि का दावा है कि कोरोनिल, कोरोना से लड़ने में कारगर है। पतंजलि की ओर से दावा किया गया है कि कोरोना के मरीज इस दवा का सेवन करके 14 दिन में ठीक होंगे।

बाबा रामदेव ने मंगलवार को कोरोना की आयुर्वेदिक दवा लांच करते हुए कहा कि मुझे यह बताते हुए हर्ष महसूस हो रहा है कि आयुर्वेद में इसकी दवा का इजाद हमने किया है। यह दवा तीन दिन में अपना असर दिखाने लगेगी। पतंजलि योगपीठ के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि कोरोना की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल की टेस्टिंग में अच्छे रिजल्ट मिले हैं।

पतंजलि ने कोरोना वायरस की आयुर्वेदिक दवा जिसका नाम कोरोनिल को साइंटिफिक डिटेल के साथ पेश किया है। इससे पहले पतंजलि योगपीठ की ओर से जानकारी दी गयी कि कोरोना टैबलेट पर हुआ यह शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। टैबलेट दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में तैयार किया गया है।

आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि कोरोनिल दवा के मुख्य घटक अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस व अणु तेल हैं। इनका उपयोग करके कोरोना की दवा तैयार की गयी है। आचार्य बालकृष्ण ने जानकारी दी कि अश्वगंधा कोविड-19 के आरबीडी को मानव शरीर के एसीई से मिलने नहीं देता जिससे कोविड-19 वायरस संक्रमित मानव शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में एंट्री नहीं हो पाता।

उन्होंने बताया कि गिलोय भी अश्वगंधा की तरह काम करता है। यह संक्रमण को दूर रखता है। तुलसी का कंपाउंड कोविड-19 के आरएनए-पॉलीमरीज पर अटैक कर उसके गुणांक में वृद्धि करने की दर को न सिर्फ रोक देता है, बल्कि इसका लगातार सेवन उसके खात्मे के लिए कारगर साबित होता है। श्वसारि रस गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है और बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों की सूजन ठीक करता है।

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