पेगासस मामला: जाँच के लिए एक विशेषज्ञ कमिटी बनाने पर जल्द आ सकता है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

"Look at the result in Nepal," the Supreme Court said on the pornography ban.चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जांच के लिए कमिटी के गठन के संकेत दिए हैं। चीफ जस्टिस एन वी रमना ने कहा है कि कोर्ट तकनीकी विशेषज्ञों की कमिटी बनाना चाहता है लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने निजी कारणों से कमिटी में शामिल होने में असमर्थता जताई है। इस कारण आदेश जारी करने में विलंब हो रहा है।

सुप्रीम कोर्ट में लगातार पेगासस मामले पर सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने पहले भी इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा, इस पर केस पहले ही दर्ज होना चाहिए था। आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करा सकते थे। अगर इस मामले में आरोप सही हैं, तो यह बेहद गंभीर मामला है।

पेगासस जासूसी मामले की जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को आदेश सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान केंद्र ने विशेषज्ञों की एक निष्पक्ष कमिटी बनाने का प्रस्ताव दिया था। सरकार ने कहा था कि उसकी तरफ से गठित यह कमिटी कोर्ट की निगरानी में काम करेगी और कोर्ट को रिपोर्ट देगी। याचिकाकर्ताओं ने इसका विरोध करते हुए मांग की थी कि कमिटी का गठन कोर्ट करे।

आज चीफ जस्टिस ने एक मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील सी यू सिंह को बताया कि कोर्ट अपनी तरफ से कमिटी का गठन करने पर विचार कर रहा है।

केंद्र सरकार ने चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच से कहा कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। यही वजह है कि उसने अपनी ओर से कहा कि आरोपों की जांच के लिए वह क्षेत्र के विशेषज्ञों की समिति का गठन करेगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच से कहा कि सरकार ने किसी विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं, यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित जानकारी को हलफनामे का हिस्सा बनाना राष्ट्रहित में नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश की जाएगी।

याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल, श्याम दीवान, दिनेश द्विवेदी, राकेश द्विवेदी, मीनाक्षी अरोड़ा और कोलिन गोंजाल्विस ने सरकार के रवैये के विरोध किया। सिब्बल ने कहा था, “हमारा आरोप है कि सरकार जानकारी छिपाना चाहती है। फिर उसे कमिटी क्यों बनाने दिया जाए? हवाला केस में कोर्ट ने रिटायर्ड जज की कमिटी बनाई थी। ऐसा ही इस मामले में हो।”

सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए 15 याचिकाएं लंबित हैं। यह याचिकाएं वरिष्ठ पत्रकार एन राम, राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा समेत कई जाने-माने लोगों की है।

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