गुलाम नबी की राज्यसभा से विदाई के मौके पर भावुक हुए पीएम मोदी

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: मौका था राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के रिटायर होने का, लेकिन शायद ही किसी को पता था कि आज राज्यसभा का माहौल इतना भावुक हो जाएगा। आज राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद के विदाई के मौके पर उनके साथ अपने सम्बन्ध को याद करते हुए भावुक हो गए। राज्यसभा में संबोधन के दौरान अपने पुराने दिनों को याद करते हुए पीएम सदन में ही रो पड़े और उन्होंने गुलाम नबी आज़ाद की तारीफ़ करते हुए कहानी सुनाई।

पीएम ने जिस घटना को याद करके आज सदन में भावुक हुए उसके घटना का एक वीडियो न्यूज एजेन्सी ANI ने ट्वीट किया। यह घटना 2007 की है जब गुजरात के लोगों पर जम्मू-कश्मीर में आंतकवादी हमला हुआ था, उस समय जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद थें और गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी थें। उन्होंने नरेन्द्र मोदी को फोन किया और लोगों को सुरक्षित अपने गृह नगर पहुंचाने की व्यवस्था की।

इसी दौरान प्रधानमंत्री ने जब जम्मू कश्मीर की एक आतंकी घटना का जिक्र किया तो उनकी आंखें नम हो गईं। प्रधानमंत्री ने कहा, ”गुलाम नबी आजाद उस दौरान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। हम दोनों की बहुत गहरी निकटता थी। एक बार गुजरात के यात्री जम्मू-कश्मीर घूमने गए और आतंकियों ने उनपर हमला कर दिया, करीब आठ लोग मारे गए। इस दौरान सबसे पहले गुलाम नबी जी ने मुझे फोन किया।” और इतना कहते ही पीएम मोदी भावुक हो गए। उनकी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे और संसद एक दम खामोश हो गई। फिर पीएम मोदी ने पानी पिया और अपने आप को संभाला।”

पीएम मोदी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए आगे कहा, ”वह फोन मुझे सूचना देने का नहीं था, लेकिन आज़ाद जी के आंसू रुक नहीं रहे थे। उस वक्त प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उन्हें फोन किया कि अगर फोर्स का हवाई जहाज मिल जाए शव लाने के लिए तो सही रहेगा। उन्होंने कहा कि मैं व्यवस्था करता हूं। इसके बाद गुलाम नबी आजाद जी का एयरपोर्ट से फिर से फोन आया। जैसे कोई अपने परिवार की चिंता करता है, वैसे ही चिंता गुलाम नबी आजाद की आवाज में उस दिन सुनाई दे रही थी।”

पीएम मोदी ने कहा, ”मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी आजाद जी के बाद इस पद को जो संभालेंगे उनको गुलाम नबी से मैच करने में बहुत दिक्कते होंगी, क्योंकि गुलाम नबी जी न सिर्फ अपने दल की चिंता करते थे, बल्कि इसके साथ ही देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे। पीएम ने कहा कि ये छोटी बात नहीं है वरना विपक्ष के नेता के रूप में हर कोई अपना दबदबा कायम करना चाहता है।”

राज्यसभा में अपने विदाई समारोह के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ‘हमें हिन्दुस्तानी मुसलमान होने पर फख्र है। मैं उन खुशनसीब लोगों में से हूं जो कभी पाकिस्तान नहीं गया। सच बताएं सर, मेरे माता-पिता की जब मृत्यु हुई तो मेरे आंखों से आंसू निकले लेकिन मैं चिल्लाया नहीं लेकिन जब मैं चिल्लाया वह थी संजय गांधी की मौत, इंदिरा गांधी की मौत और राजीव गांधी की मौत हुई। उन्होंने आगे कहा कि चिल्लाकर रोया जब वह आतंकी हमला हुआ, जिसका उल्लेख पीएम मोदी ने किया।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ईद, दिवाली और जन्मदिन के मौके पर किसी और का फोन आए ना आए, लेकिन कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन जरूर आता था और यही उनके व्यक्तिगत संबंध को भी दिखाता है।

केंद्रीय राज्य मंत्री और आरपीआई नेता रामदास अठावले ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद को रिटायर करने के लिए विदाई के दौरान कहा कि आपको सदन में वापस आना चाहिए। अगर कांग्रेस आपको वापस नहीं लाती है, तो, हम इसे करने के लिए तैयार हैं। इस सदन को आपकी जरूरत है।

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