प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में 10 एमएलडी क्षमता के अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया

PM Modi inaugurates state-of-the-art sewage treatment plant of 10 MLD capacity in Varanasiचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान रामनगर, वाराणसी में 10 एमएलडी क्षमता वाले नए अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया। केंद्र सरकार द्वारा गंगा नदी का संरक्षण और कायाकल्प करने की दिशा में एक साथ सभी मोर्चों पर काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गंगा नदी में गंदे पानी के प्रवाह का दोहन करने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का एक विस्तृत नेटवर्क स्थापित किया जाये, जिसके माध्यम से इस पवित्र नदी की निर्मलता (स्वच्छता) और विरलता (ई-फ्लो) को सुनिश्चित किया जा सके।

नमामि गंगे मिशन द्वारा एक ऐसे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण पर बल दिया जा रहा है, जो कि अगले 10-15 वर्षों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है, साथ ही साथ सिर्फ कुछ शहरों और नगरों के बदले में गंगा नदी के पूरे प्रवाह क्षेत्र का कायाकल्प भी कर सकता है। इस दिशा में बहुत प्रयास किया जा रहा है। यह एसटीपी वाराणसी में अपने प्रकार का पहला अभियान है, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक लगी हुई है। इसे नवीनतम A2O (एनारोबिक-एनोक्सिक-एनोक्सिक) तकनीक के आधार पर बनाया गया है। इस 10 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी की विशेषता यह है कि प्रदूषित पानी को विभिन्न देशों के आधुनिक और उन्नत उपकरणों के माध्यम से उपचारित किया जाएगा और केवल उपचारित पानी को ही गंगा नदी में गिराया जाएगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एसटीपी की आधारशिला 12 नवंबर, 2018 को रखी गई थी। इसके निर्माण पर कुल 72.91 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है। इस एसटीपी प्लांट के खुलने के बाद, वाराणसी के कुल पांच नालों के माध्यम से गंगा नदी में गिरने वाला दूषित पानी पूरी तरह से बंद हो जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत अगले 15 वर्षों के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन और रखरखाव का ध्यान केंद्रित किया गया है। प्लांट में दूषित पानी को शुद्ध करने के लिए विदेशों से आयात किए गए फिल्टरों को लगाया गया है। इस शुद्ध पानी को मुख्य पंपिंग स्टेशन के माध्यम से गंगा नदी में प्रवाहित किया जाएगा। मुख्य पंपिंग स्टेशन सहित कुछ अन्य उपकरणों का आयात विदेशों से किया गया है, जिससे दूषित पानी को उन्नत तकनीकों के माध्यम से उपचारित किया जा सके।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी जिले में 18.96 करोड़ की लागत से शहर के आठ पवित्र कुंडों (तालाबों) के सौंदर्यीकरण और संरक्षण वाली परियोजना का भी उद्घाटन किया। इन कुंडों में कलहा, दुधिया, लक्ष्मी, पहाड़िया, पंचकोसी, कबीर, रीवा और बखरिया कुंड शामिल हैं। इन तालाबों का संरक्षण और सौंदर्यीकरण का काम राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत ‘स्वच्छ गंगा कोष’ के माध्यम से किया गया है। ये कुंड पारंपरिक रूप से मानव निर्मित जल निकाय हैं, जो इस क्षेत्र के लिए पेयजल, वर्षा जल संचयन और भूजल प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण स्रोतों का काम करते हैं। इन ऐतिहासिक कुंडों का संरक्षण हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि ये न केवल हमारी समृद्ध सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं बल्कि ये एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन के चिरस्थायी दृष्टिकोण का उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं।

 

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