अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पीएम मोदी का संदेश: “योग से शांति की दिशा में बढ़ेगा विश्व”
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कहा कि आज जब दुनिया अस्थिरता, संघर्ष और अशांति के दौर से गुजर रही है, ऐसे समय में योग शांति की दिशा दिखाता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि इस योग दिवस को “योग फॉर ह्यूमैनिटी 2.0” की शुरुआत का प्रतीक बनाएं, जिसमें आंतरिक शांति को वैश्विक नीति का हिस्सा बनाया जाए।
प्रधानमंत्री मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम स्थित आर.के. बीच पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में तीन लाख से अधिक लोगों के साथ कॉमन योग प्रोटोकॉल (CYP) में भाग लिया। उन्होंने कहा कि योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है, जो व्यक्ति को भीतर से जोड़ती है और विश्व को संघर्ष से सहयोग और तनाव से समाधान की ओर ले जाती है।
उन्होंने कहा, “आज दुनिया के कई हिस्सों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे समय में योग हमें शांति की दिशा देता है। योग मानवता के लिए वह पॉज़ बटन है, जिसकी उसे ज़रूरत है—सांस लेने, संतुलन बनाने और फिर से पूर्णता की ओर लौटने के लिए।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग सिर्फ व्यक्तिगत साधना तक सीमित न रहे, बल्कि यह वैश्विक साझेदारी का माध्यम बने, जहां हर देश और समाज योग को अपनी जीवनशैली और सार्वजनिक नीति का हिस्सा बनाए।
उन्होंने याद किया कि 2014 में जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा, तो 175 देशों ने इसका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह समर्थन केवल एक प्रस्ताव का समर्थन नहीं था, बल्कि यह मानवता की भलाई के लिए वैश्विक प्रयास था।
पीएम मोदी ने कहा, “11 साल बाद आज हम देख सकते हैं कि योग करोड़ों लोगों की जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। ओपेरा हाउस की सीढ़ियों से लेकर माउंट एवरेस्ट की चोटी तक और समुद्र की विशालता तक, हर जगह एक ही संदेश गूंज रहा है: योग सभी के लिए है, यह सीमाओं, पृष्ठभूमियों, उम्र या क्षमताओं से परे है।”
उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व होता है जब दिव्यांग मित्र ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते हैं, अंतरिक्ष में वैज्ञानिक योग करते हैं, और गांवों के बच्चे योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं। विशाखापट्टनम तट पर नौसेना के जहाजों पर भी योग किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने इस वर्ष के योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह थीम एक गहरे सत्य को दर्शाती है—पृथ्वी पर हर जीव और तत्व का स्वास्थ्य आपस में जुड़ा हुआ है। मानव कल्याण मिट्टी, जल, पशु और पौधों की सेहत से जुड़ा है। योग इस परस्पर संबंध को जागरूक करता है और हमें प्रकृति के साथ एकत्व की ओर ले जाता है।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस. अब्दुल नज़ीर, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जाधव, के. राम मोहन नायडू, चंद्रशेखर पेम्मासानी, भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा, राज्य मंत्री नारा लोकेश, सत्यम कुमार और सांसद डी. पुरंदेश्वरी व एम. भारत उपस्थित रहे।