विकास दुबे के एनकाउंटर पर राजनीतिक दलों ने उठाये सवाल
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: कानपुर पुलिस के आठ जवानों का एनकाउंटर करने वाला कुख्यात अपराधी विकास दुबे आज उत्तर प्रदेश एसटीएफ के हाथों मुठभेड़ में मारा गया। इस एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों सहित कई सारे लोंगों, जिनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं, ने रहत की सांस ली होगी। लेकिन इस एनकाउंटर पर कई सारे प्रश्न चिन्ह लग गए हैं जिनका जवाब उत्तर प्रदेश के पुलिस के पास है। कई सारे नेताओं ने सवाल करना शुरू कर दिया है क्योंकि विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद से ही उसे एनकाउंटर में मार दिए जाने की आशंका जताई जा रही थी। इस आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कल एक याचिका भी दायर की गई थी।
इस एनकाउंटर पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और राज्य के 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों, अखिलेश यादव और मायावती ने भी सवाल उठाए। मायावती ने तो इसकी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की।
सवाल उठाने वालों में सबसे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि ये मुठभेड़ किसी को बचा सकती है। कौन लोग हैं जो इसके कनेक्शन में थे, उन्होंने सरकार से मांग की है की विकास के 5 साल के कॉल डिटेल्स जनता के सामने रखे जाएँ।
समाजवादी पार्टी ने अपने ट्वीटर पर लिखा, “विकास दुबे के साथ उन सभी सबूतों, साक्ष्यों का भी एनकाउंटर हो गया जिससे अपराधियों, पुलिस और सत्ता में बैठे उसके संरक्षकों का पदार्फाश होता! विकास के जरिए उन सभी को बचाने की कोशिश की है जो नेक्सेस में उसके मददगार रहे?आखिर उन सत्ताधीशों पर कार्रवाई का क्या जिनका नाम उसने स्वयं लिया।” इसके पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गाड़ी पलटने पर ट्वीट करके लिखा था, “दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है।”
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी विकास दुबे को संरक्षण देने वालों पर निशान साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?’
इससे पहले भी प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया था और कहा था कि कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई। अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
मायावती ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा, ‘कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने और उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय उच्चतम न्यायाय की निगरानी में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए।’