अदाणी और इस्कॉन की सेवा में नि:शुल्क बंटा श्रद्धा और स्वाद का प्रसाद

Prasad of faith and taste distributed free of cost in the service of Adani and ISKCONचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: पुरी की रथयात्रा हर साल भक्ति और श्रद्धा की एक ऐसी धारा बहा देती है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु खिंचे चले आते हैं। इस वर्ष 2025 की रथयात्रा में एक नया अध्याय जुड़ गया है—एक ऐसा अध्याय जिसमें सेवा, समर्पण और सामाजिक उत्तरदायित्व का अनुपम संगम देखने को मिला। अदाणी समूह और इस्कॉन की ऐतिहासिक साझेदारी, जिसके तहत रथयात्रा के दौरान भक्तों को नि:शुल्क प्रसाद वितरण की भव्य सेवा शुरू की गई।

प्रसाद के इस भंडारे में शामिल हैं—गर्मागरम चावल और नरम रोटियां, ताजगी से भरी मिक्स वेज सब्जी, प्रोटीन से भरपूर दाल पायसम, मीठे गुलाब जामुन और हलवा, और साथ में ठंडा-ठंडा दही चावल। यह भोजन न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि इसमें मौजूद पोषक तत्व भक्तों को पूरे दिन की ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। एक प्लेट प्रसाद में औसतन 600 से 800 कैलोरी, 20-25 ग्राम प्रोटीन, संतुलित मात्रा में फाइबर और आवश्यक विटामिन-मिनरल्स हैं—यानि यह भोजन शरीर के साथ-साथ आत्मा को भी पुष्ट करता है।

पुरी के अनेक स्थानों—तालाबनिया बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, गुंडिचा मंदिर के पास, स्वर्गद्वार चौक, बगला धर्मशाला, दिगबरनी पार्किंग और दूधवाला धर्मशाला—में सुबह से ही रथयात्रा में जुटे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। वहीं, इन स्थलों पर सेवा में लगे स्वयंसेवक प्रेम और विनम्रता के साथ परोस रहे हैं—सात्विक, शुद्ध और पोषण से भरपूर प्रसाद। यह न केवल भूख मिटा रहा है, बल्कि तन और मन दोनों को तृप्त कर रहा है।

खास बात यह है कि पूरी प्रक्रिया में स्वच्छता और पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा गया है। थर्माकोल प्लेट्स की जगह बायोडिग्रेडेबल पेपर प्लेट्स का इस्तेमाल हो रहा है, भोजन बांटते समय स्वयंसेवक दस्ताने पहन रहे हैं, और हर सेवा केंद्र पर बड़े पॉलीबैग में कूड़ा संग्रह की व्यवस्था की गई है। इस सेवा को हर दृष्टिकोण से अनुशासित, सुरक्षित और सम्मानजनक बनाया गया है।

रथयात्रा के इस पर्व में, जब भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ नगर भ्रमण को निकलते हैं, तब केवल रथ ही नहीं चलता, बल्कि चलती है करोड़ों लोगों की आस्था। ऐसे समय में इस्कॉन और अदाणी समूह की यह पहल श्रद्धालुओं के लिए केवल भोजन नहीं, बल्कि भगवान के प्रसाद का एक ऐसा अनुभव बन गई है जो जीवनभर स्मरणीय रहेगा।

यह सेवा यह भी दर्शाती है कि जब आध्यात्मिक संस्थाएं और कॉर्पोरेट समूह एक साझा उद्देश्य के लिए साथ आते हैं, तो समाज को केवल भक्ति नहीं, बल्कि सेवा और संवेदनशीलता का अनुपम उपहार भी मिलता है। पुरी की रथयात्रा 2025 अब सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं रही, यह एक जनकल्याण उत्सव बन चुकी है—जहां प्रेम, प्रसाद और पोषण तीनों का सामूहिक आशीर्वाद हर भक्त तक पहुंच रहा है।

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