अवमानना मामले में प्रशांत भूषण दोषी करार, 20 अगस्त को सुनाई जा सकती है सजा
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया है, और प्रशांत भूषण को इस मामले में क्या सजा हो इस पर 20 अगस्त को फैसला सुनाया जाएगा। इस से पहले अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था। न्यायमूर्ति अरुण मिश्र, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका के प्रति कथित रूप से दो अपमानजनक ट्वीट करने के मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ स्वत: शुरू की गई अवमानना कार्यवाही में आज फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की इस बेंच जिसकी अध्यक्षता जस्टिस अरुण मिश्र कर रहे थे, ने कहा कि यह अवमानना का गंभीर मामला है। यह फैसला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाया गया।
बता दें कि कंटेम्ट ऑफ़ कोर्ट्स ऐक्ट, 1971 के तहत प्रशांत भूषण को छह महीने तक की जेल की सजा जुर्माने के साथ या इसके बगैर भी हो सकती है। इसी कानून में ये भी प्रावधान है कि अभियुक्त के माफी मांगने पर कोर्ट चाहे तो उसे माफ भी कर सकती है। वकील प्रशांत भूषण इस से पहले अपने उन दो ट्वीट का बचाव किया जिसमें जिसमें अदालत की अवमानना की गई है। उन्होंने कहा कि वे ट्वीट न्यायाधीशों के खिलाफ उनके व्यक्तिगत स्तर पर आचरण को लेकर थे और वे न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न नहीं करते।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबडे और चार पूर्व सीजेआई को लेकर प्रशांत भूषण की ओर से किए गए दो अलग-अलग ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। अदालत का कहना था कि शुरुआती तौर पर प्रशांत भूषण के इन ट्वीट्स से न्याय व्यवस्था का अपमान होता है। इसके जवाब में प्रशांत भूषण ने कहा था कि विचारों की स्वतंत्रता अदालत की अवमानना नहीं हो सकती। लेकिन अब अदालत ने इसे अवमानना माना है और उन्हें दोषी करार दिया है।