राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एम्स-गोरखपुर और IVRI-बरेली के दीक्षांत समारोह में युवाओं से की अपील, “ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में दें सेवा, पशु कल्याण को भी अपनाएं”
चिरौरी न्यूज
गोरखपुर/बरेली: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को एम्स-गोरखपुर (AIIMS-Gorakhpur) के पहले दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली के दीक्षांत समारोह में भी शिरकत की। इन दोनों कार्यक्रमों में उन्होंने युवाओं से समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनने की अपील की।
“चिकित्सा एक सेवा है, सिर्फ पेशा नहीं”
एम्स-गोरखपुर में नवदीक्षित डॉक्टरों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टर न केवल रोगों का इलाज करते हैं, बल्कि एक स्वस्थ समाज की नींव रखते हैं। उन्होंने कहा, “चिकित्सा केवल एक पेशा नहीं, बल्कि मानवता की सेवा है। करुणा और ईमानदारी को अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बनाएं।”
उन्होंने चिकित्सा शिक्षा से जुड़े सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे छात्रों को सम्वेदनशीलता, डॉक्टर-रोगी संवाद, और विश्वास निर्माण जैसे विषयों के प्रति भी शुरू से ही जागरूक करें।
“ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की ओर भी बढ़ें कदम”
राष्ट्रपति ने कहा कि आज भी देश के कई ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इन क्षेत्रों में जाकर अपनी सेवाएं दें और स्वास्थ्य सेवा को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने का प्रयास करें।
“स्वस्थ नागरिक ही राष्ट्र की प्रगति में भागीदार बन सकते हैं,” उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा। बरेली स्थित IVRI में बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आज दुनियाभर में ‘वन हेल्थ’ (One Health) की अवधारणा को महत्व दिया जा रहा है, जो मानव, पशु, वन्यजीव और पर्यावरण के आपसी संबंधों को समझने पर आधारित है।
“हमें पशु कल्याण के लिए भी निरंतर प्रयास करने चाहिए,” उन्होंने कहा। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे निष्कलंक और मूक प्राणियों के इलाज व कल्याण को अपने जीवन का उद्देश्य बनाएं।
राष्ट्रपति ने कहा कि जैसे अन्य क्षेत्रों में तकनीक ने बदलाव लाए हैं, वैसे ही पशु चिकित्सा क्षेत्र में भी जीनोम एडिटिंग, एंब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा जैसे तकनीक से क्रांति लाई जा सकती है। उन्होंने कम लागत वाले और स्वदेशी समाधान खोजने पर ज़ोर दिया।
राष्ट्रपति ने IVRI के छात्रों को पशु विज्ञान से जुड़े क्षेत्रों में उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल वे नौकरी देने वाले बनेंगे बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान देंगे।