विश्व युवा कौशल दिवस: वाधवानी फाउंडेशन ने छात्रों के सशक्तिकरण पर दिया जोर

On the occasion of Women's Entrepreneurship Day 2021, Wadhwani Foundation appeals to aspiring women entrepreneurs to take advantage of the opportunityचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: विश्व युवा कौशल दिवस 2021 के थीम, “महामारी के बाद युवाओं के कौशलों की पुनर्कल्पना” से महामारी के बाद के समय में कौशलों के बदलते रूपों का पता चलता है। इसमें डिजिटल और तेजी से बदलते उद्योग के लिए युवाओं को कौशल युक्त करने और कौशलयुक्त युवाओं को नए कौशलों से युक्त करने की आवश्यकता सामान्य हो जाएगी। महामारी के बाद के समय में कौशल युक्त करने के क्षेत्र को स्पष्ट रूप से नई योजनाओं की आवश्यकता है और ‘कभी भी, कहीं भी’ कौशलयुक्त करने की संभावनाओं की अच्छी-खासी गुंजाइस है।

वाधवानी फाउंडेशन इस दिन कुछ प्रमुख प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालने और तथ्यों की जांच का उत्सुक है जिससे नए जमाने के कार्यस्थल के लिए आवश्यक कौशलों को पुनर्पारिभाषित और नए सिरे से तलाशा जा सकेगा।

प्रमुख प्रवृत्तियां:

  • ‘घर से काम’ एक नया सामान्य है जिसने कार्य परिचालनों को नए सिरे से परिभाषित किया है
  • कार्य, कार्यबल और कार्यक्षेत्र के भविष्य में बुनियादी बदलाव
  • कौशल पारिस्थितिकी में ऑनलाइन मॉडल के नेतृत्व में नवाचार
  • बड़े पैमाना पर तकनीक अपनाने का मतलब है नौकरियों में नए कौशल की आवश्यकता जिसकी मांग है
  • सेवा आधारित अर्थव्यवस्था में रोजगारपरक या कौशलयुक्त होना खास होगा; नई प्रतिभाओं को ‘सॉफ्ट स्किल्स’ से युक्त किया जाएगा
  • भिन्न कौशलों के लिए अपस्किलिंग और रीस्किलिंग तथा अर्ली (समय रहते या जल्दी) स्किलिंग पर ध्यान रहेगा
  • ज्ञान से संबंधित शिक्षाशास्त्र और कार्यप्रणाली का पुनर्परीक्षण। तकनीक-आधारित डिजिटल और हाइब्रिड प्रशिक्षण मॉडल कार्यबल में व्यवधान के कारण होंगे

वाधवानी फाउंडेशन की वाधावनी ऑपरचुनिटी पहल ने 21वीं सदी के कोर एम्पलायबिलिटी कौशलों (सॉफ्ट स्किल्स) की जरूरत और छात्रों के प्रशिक्षण की स्पष्ट आवश्यकता को निर्धारित किया है। यह उद्योग के विशेषज्ञों से चर्चा और भारत के आठ शहरों में 1100+ कंपनियों को सर्वेक्षण के बाद तय किया गया है। सर्वेक्षण में स्पष्ट पता चला कि सॉफ्ट स्किल्स या नौकरी पर रखने योग्य कौशलों की भारी मांग है और ज्यादादर नियोक्ता इसके लिए ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार हैं।

महामारी के बाद के समय में कौशल के क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलाव के बारे में बताते हुए वाधवानी फाउंडेशन स्थित वाधवानी ऑपरचुनिटी के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट सुनील दहिया ने कहा, “इस विश्व युवा कौशल दिवस पर वाधवानी फाउंडेशन युवाओं के सशक्तिकरण के अपने मिशन को दोहराता है। इससे उन्हें परिवार चलाने लायक वेतन मिलेगा और वे इक्कीसवीं सदी के नियोजन कौशलों से युक्त होंगे। कारोबारी दुनिया में महामारी के बाद का सबसे महत्वपूर्ण बदलाव होगा दूर से काम करने वाले वितरित कामगारों के प्रति स्थायी बदलाव। यह डिजिटल बदलाव और मंच आधारित सेवाओं को गति देने वाले अकेले सबसे महत्वपूर्ण कारण के रूप में उभरा है जिसपर कौशल का भविष्य आधारित होगा। इसलिए, हाइब्रिड स्किलिंग परिचालनों की ओर एक बड़ा बदलाव अवश्यंभावी है। वाधवानी फाउंडेशन क्लाउड पर चलने वाले अपने एम्पलायबिलिटी पाठ्यक्रमों के साथ अग्रणी है और तीन महादेशों में इसके हजारों छात्रों को फायदा मिल रहा है।”

प्रमुख तथ्य :

  • वर्ल्ड इकनोमिक फोरम द्वारा “फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2020” में बताया गया है कि मौजूदा नौकरियों के लिए आवश्यक कौशल का 42% इंटरपर्सनल (पारस्परिक) कौशल को महत्व मिलने से बदल जाएगा। रिपोर्ट में अगले पांच वर्षों में नियोक्ताओं के सबसे पसंदीदा कौशल के रूप में महत्वपूर्ण सोच और समस्या को सुलझाने का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि 84 प्रतिशत नियोक्ता काम करने की प्रक्रियाओं को तेजी से डिजिटाइज करेंगे ।
  • हाल के एक मैकिंजी ग्लोबल सर्वे में पाया गया है कि कंपनियों ने अपने ग्राहक और आपूर्ति-श्रृंखला इंटरैक्शन और आंतरिक परिचालनों के डिजिटाइजेशन में तीन से चार साल की तेजी लाई है। उनके पोर्टफोलियो में डिजिटल रूप से सक्षम उत्पादों की हिस्सेदारी में सात साल की तेजी आई है ।
  • “फिक्की, नैसकॉम और ईवाई” की एक रिपोर्ट, “फ्यूचर ऑफ जॉब्स इन इंडिया-ए 2022” पर्सपेक्टिव में कहा गया है कि 2022 तक 9% भारतीय ऐसी नौकरियों में होंगे जो आज मौजूद नहीं हैं और 37% भारतीय ऐसे काम कर रहे

 

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