राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों के काम को सराहा

न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जंग में भारत के वैज्ञानिकों का काम सराहनीय है, ये बातें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राजस्थान के पोखरण में 1998 के परमाणु परीक्षणों की वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा है. राष्ट्रपति ने कहा कि वैज्ञानिकों ने इस कठिन परिस्थिति में भी काम कर के देश को गौरवान्वित और आत्मनिर्भर बना रहे हैं।

कोविंद ने ट्वीट कर कहा, हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समावेशी विकास के प्रमुख उपकरणों के रूप में मान्यता देते हैं। हमारे वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के अग्रिम मोर्चे पर हैं। इस अवसर पर हम राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने में वैज्ञानिक समुदाय के अतुलनीय योगदान का जश्न मनाते हैं।

वहीँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर उन लोगों की प्रशंसा की, जो कोरोना वायरस को हराने के लिए अनुसंधान में सबसे आगे हैं। प्रधानमंत्री ने 1998 में पोखरण परीक्षण करने वाले देश के वैज्ञानिकों की असाधारण उपलब्धि को भी याद किया।

मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर हमारा देश उन सभी को सलाम करता है, जो दूसरों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम 1998 में इस दिन अपने वैज्ञानिकों की असाधारण उपलब्धि को याद करते हैं। यह भारत के इतिहास में एक उल्लेखनीय क्षण था। प्रधानमंत्री ने कहा, आज दुनिया को कोविड-19 से मुक्त बनाने के प्रयासों में प्रौद्योगिकी कई तरह से मदद कर रही है। मैं कोरोना वायरस को हराने के तरीकों पर अनुसंधान करने वाले सभी लोगों को सलाम करता हूं। मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मानव जाति एक स्वस्थ और बेहतर ग्रह बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगी।

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