प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी की 47वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की, ‘भारत का म्यूज़ियम मैप’ तैयार करने का सुझाव

Prime Minister Modi chaired the 47th Annual General Meeting of the Prime Minister's Museum and Library Society, suggested preparing a 'Museum Map of India'चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित तीन मूर्ति भवन में प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) सोसायटी की 47वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने संग्रहालयों के महत्व, उनके आधुनिकीकरण और समाज में उनकी प्रतिष्ठा को बढ़ाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संग्रहालय न केवल इतिहास को जीवंत अनुभव में बदलते हैं, बल्कि वे सांस्कृतिक चेतना के संवाहक भी होते हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि समाज में संग्रहालयों के प्रति रुचि और सम्मान बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाने चाहिए।

‘भारत का म्यूज़ियम मैप’ का प्रस्ताव

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘भारत का म्यूज़ियम मैप’ (Museum Map of India) की परिकल्पना रखी, जिसका उद्देश्य देशभर के संग्रहालयों का एकीकृत सांस्कृतिक और सूचना मंच तैयार करना है। उन्होंने एक राष्ट्रीय डाटाबेस बनाने का सुझाव भी दिया, जिसमें प्रत्येक संग्रहालय से जुड़ी जानकारी जैसे कि दर्शक संख्या, गुणवत्ता मानक आदि शामिल हों।

प्रधानमंत्री ने हर राज्य से 35 वर्ष से कम आयु के 5 लोगों की एक समिति गठित करने का सुझाव दिया ताकि संग्रहालयों को लेकर नए विचार और दृष्टिकोण सामने आएं। इसके अलावा, उन्होंने संग्रहालयों के संचालन से जुड़े कर्मियों के लिए नियमित कार्यशालाएं आयोजित करने पर भी बल दिया।

प्रधानमंत्री संग्रहालय: सभी प्रधानमंत्रियों की विरासत को समर्पित

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री संग्रहालय की स्थापना से भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की विरासत को सम्मान मिला है, जिसमें जवाहरलाल नेहरू की विरासत भी शामिल है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले यह संतुलन नहीं देखा गया था।

प्रधानमंत्री ने देश के संग्रहालयों में प्रभावशाली सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स और विभिन्न दूतावासों के अधिकारियों को आमंत्रित करने का सुझाव दिया, ताकि भारत की समृद्ध विरासत को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर उससे संबंधित कानूनी दस्तावेजों और अभिलेखों का संकलन तैयार किया जाना चाहिए, ताकि भावी पीढ़ियाँ इस ऐतिहासिक कालखंड का अध्ययन कर सकें।

उन्होंने वर्तमान समय के व्यवस्थित दस्तावेजीकरण की भी आवश्यकता बताई, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ और शोधकर्ता इस युग को सही ढंग से समझ सकें।

बैठक में PMML सोसायटी के अन्य सदस्यों ने भी संग्रहालय और पुस्तकालय के विकास हेतु अपने विचार प्रस्तुत किए। अंत में, प्रधानमंत्री मोदी ने तीन मूर्ति भवन परिसर में एक कपूर का पौधा (Cinnamomum camphora) रोपित किया, जो विकास, विरासत और सततता का प्रतीक माना जाता है।

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