मैनचेस्टर टेस्ट में टीम चयन पर उठे सवाल, अश्विन बोले— “टेस्ट मैच बल्लेबाजी से ड्रॉ होते हैं, जीतते तो गेंदबाज़ ही हैं”

Questions raised on team selection in Manchester Test, Ashwin said- "Test matches are drawn due to batting, only bowlers win"
(FIle Pic: Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: मैनचेस्टर टेस्ट के ड्रॉ होते ही भारतीय टीम की रणनीति और टीम चयन को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। इंग्लैंड की पहली पारी में 669 रन ठोकने के बाद जब भारतीय गेंदबाज़ लगातार विकेट लेने में नाकाम रहे, तो विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों ने यह सवाल उठाया कि क्या बल्लेबाजी गहराई के लिए गेंदबाजी गुणवत्ता की बलि देना सही था? इस मैच में केवल 24 विकेट गिरे और भारत किसी तरह मुकाबला ड्रॉ कराने में सफल रहा। हालांकि इस परिणाम से भारत की सीरीज में उम्मीदें ज़िंदा तो हैं, लेकिन अब जीत की संभावना खत्म हो चुकी है क्योंकि इंग्लैंड पहले ही 2-1 की बढ़त बना चुका है।

पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल “अश की बात” पर इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय दी। उन्होंने टीम प्रबंधन के निर्णयों पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत को अब भी समय रहते यह तय करना होगा कि उसे जीतने वाली टीम बननी है या ड्रॉ पर संतोष करना है। उन्होंने कहा, “टेस्ट मैच बल्लेबाजी गहराई से ड्रॉ किए जाते हैं, लेकिन टेस्ट मैच जीतने के लिए ऐसे गेंदबाज चाहिए जो विकेट निकालने का हुनर रखते हों। आपको अब फैसला लेना ही होगा। आप वह फैसला लेने के बाद भी हार सकते हैं, लेकिन कम से कम यह दिखना चाहिए कि आप जीतना चाहते हैं।”

अश्विन ने कप्तान शुभमन गिल की कप्तानी पर भी टिप्पणी की और इसे “सीखने की प्रक्रिया” का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन सुंदर को देर से लाना एक बड़ी रणनीतिक गलती थी, लेकिन गिल युवा कप्तान हैं और ऐसी गलतियों से ही सीखेंगे। हालांकि उन्होंने गिल की बल्लेबाजी की खुलकर तारीफ करते हुए कहा कि इस मुश्किल वक्त में गिल ने एक सच्चे लीडर की तरह पारी खेली।

“क्या शानदार शतक था शुभमन गिल का। जिस तरह से उन्होंने नियंत्रण के साथ बल्लेबाजी की, वह काबिले तारीफ है। जब सब कुछ उल्टा जा रहा था, उन्होंने मैदान पर आकर एक बड़ी पारी खेली। बर्मिंघम में 269 रन बनाए, हेडिंग्ले में भी योगदान दिया। लॉर्ड्स में भले ही हार हुई हो, लेकिन गिल की बैटिंग पर सवाल उठाने वालों को अब जवाब मिल गया है,” अश्विन ने कहा।

गिल ने सीरीज में अब तक चार शतक लगाए हैं और 90.25 की औसत से 722 रन बनाए हैं, जो बताता है कि बतौर बल्लेबाज़ उनका प्रदर्शन कितना शानदार रहा है, भले ही कप्तानी को लेकर आलोचना हो रही हो।

मैनचेस्टर टेस्ट में भारत ने ऑलराउंडर्स के भरोसे गेंदबाजी लाइनअप तैयार किया था, लेकिन नतीजतन इंग्लैंड की बल्लेबाजी को रोक पाना मुश्किल हो गया। अब जब सीरीज का अंतिम मुकाबला बचा है, तो पूर्व खिलाड़ियों और प्रशंसकों की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या टीम इंडिया आखिरी मैच में एक अतिरिक्त स्पेशलिस्ट गेंदबाज के साथ उतरती है या एक बार फिर बल्लेबाजी गहराई को प्राथमिकता देती है।

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