RCB की जीत का जश्न बना मातम: पुलिस की चेतावनियों के बावजूद आयोजन हुआ
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक जीत का जश्न बुधवार को उस वक्त मातम में बदल गया, जब एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर उमड़ी भीड़ में भगदड़ मच गई। इस हादसे में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हुए हैं।
RCB के खिताब जीतते ही बेंगलुरु की सड़कों पर जश्न का सैलाब उमड़ पड़ा। जब बुधवार शाम को विजय जुलूस की पुष्टि हुई, तब से ही हजारों की संख्या में फैंस सुबह से स्टेडियम के बाहर जमा होने लगे।
पुलिस और ट्रैफिक विभाग की ओर से सोशल मीडिया पर बार-बार चेतावनी दी गई थी कि जश्न को व्यवस्थित ढंग से आयोजित किया जाए और खुले बस जुलूस को हतोत्साहित किया जाए। रिपोर्ट के अनुसार, RCB प्रबंधन और राज्य सरकार को पहले ही आगाह किया गया था कि बुधवार को कोई भी बड़ा सार्वजनिक जश्न न किया जाए, क्योंकि लोगों की भावनाएं बहुत उफान पर थीं।
“हमने चेताया था, लेकिन किसी ने नहीं सुना” – पुलिस अधिकारी
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमने मंगलवार रात से ही सरकार और RCB फ्रेंचाइज़ को समझाने की कोशिश की कि बुधवार को कोई भी सेलिब्रेशन करना ठीक नहीं होगा। हमने सुझाव दिया था कि जश्न रविवार को आयोजित करें जब माहौल थोड़ा शांत हो जाए।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने कहा था कि किसी भी प्रकार का जुलूस न निकाला जाए, बल्कि खिलाड़ियों को स्टेडियम में बुलाकर वहीं कार्यक्रम आयोजित किया जाए।”
IPL का शेड्यूल भारत-पाक संघर्ष के कारण पहले ही एक सप्ताह आगे खिसका दिया गया था, जिससे विदेशी खिलाड़ियों को अपने-अपने देशों के लिए रवाना होना पड़ा।
इस स्थिति में, RCB प्रबंधन ने तर्क दिया कि अगर कार्यक्रम बाद में रखा गया, तो उनके पास विदेशी खिलाड़ी उपलब्ध नहीं होंगे।
एक अधिकारी ने कहा, “उनका कहना था कि विदेशी खिलाड़ी आज या कल रवाना हो जाएंगे। सरकार भी इस मौके को भुनाना चाहती थी। अगर सरकार ने इंकार किया होता, तो एक और तरह की अव्यवस्था फैल जाती।”
इस दर्दनाक हादसे ने जहां एक ओर RCB की जीत की खुशी को कड़वाहट में बदल दिया है, वहीं यह भीड़ प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। सरकार और आयोजकों की भूमिका की जांच की मांग भी उठ रही है।