गौतम अडानी मामले में अमेरिकी न्याय विभाग के कदम पर रिपब्लिकन लांस गुडन की कड़ी आपत्ति: “भारत के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं”
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रभावशाली रिपब्लिकन सांसद लांस गुडन ने बाइडन प्रशासन के उस फैसले पर आपत्ति जताई है, जिसमें अमेरिकी न्याय विभाग ने अरबपति गौतम अडानी की कंपनियों की जांच शुरू की थी। गुडन का कहना है कि यह कदम डेमोक्रेटिक शासन के अंत में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले अस्थिरता पैदा करने के लिए लिया गया था।
उन्होंने अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मैरिक बी गारलैंड को लिखे एक पत्र में इस कदम की आवश्यकता पर सवाल उठाया और कहा कि इससे अमेरिका के वैश्विक गठबंधन कमजोर हो सकते हैं। उन्होंने न्याय विभाग से आंतरिक अपराधों को सजा देने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
नवंबर में, अडानी समूह और उनके शीर्ष अधिकारियों पर अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और भारतीय सरकारी अनुबंध प्राप्त करने के लिए रिश्वत देने के आरोप लगे थे। हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को निराधार बताया था।
गुडन ने अमेरिकी न्याय विभाग पर घरेलू हिंसक अपराधों की बढ़ती संख्या की अनदेखी करने और विदेशी कंपनियों पर आरोप लगाने का आरोप लगाया। अडानी मामले का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भले ही आरोप सही साबित हों, लेकिन फिर भी यह अमेरिका को अंतिम न्यायाधिकारी नहीं बना सकता क्योंकि कथित रिश्वत भारतीय अधिकारियों को भारत में दी गई थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत की संप्रभुता का सम्मान न करने से दोनों देशों के बीच संबंधों में स्थायी नुकसान हो सकता है।
गुडन ने अपने पत्र में लिखा, “भारत अमेरिका का एक विश्वसनीय साझेदार है और यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उसके शीर्ष उद्योगपतियों के खिलाफ इस तरह के अव्यावसायिक कदम भारत की प्रगति के खिलाफ नकारात्मक कहानी गढ़ सकते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि जिन कंपनियों ने अमेरिका में अरबों डॉलर का निवेश किया और अमेरिकी नागरिकों के लिए रोजगार पैदा किया, उनके खिलाफ इस तरह के कदम लंबी अवधि में नुकसानदायक हो सकते हैं। “जब हम हिंसक अपराध, आर्थिक जासूसी, और चीनी प्रभाव जैसे वास्तविक खतरों को नजरअंदाज करते हुए उन कंपनियों का पीछा करते हैं जो हमारी आर्थिक वृद्धि में योगदान करती हैं, तो यह नए निवेशकों को निराश करेगा,” गुडन ने कहा।
गुडन ने मामले के समय पर भी सवाल उठाया और इसे डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने से पहले अस्थिरता पैदा करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा, “निवेशकों के लिए एक राजनीतिक रूप से चार्ज़ वातावरण केवल अमेरिका की औद्योगिक आधार और आर्थिक वृद्धि को धीमा करेगा।”
उन्होंने अमेरिकी न्याय विभाग पर अमेरिकी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का भी आरोप लगाया, जिन पर विदेशी सरकारों को रिश्वत देने और पैसे की सफाई करने का आरोप है।
गुडन ने पत्र में एक पांच बिंदुओं वाला सवालावली भी दी, जिसमें यह पूछा गया कि अगर इस मामले में अमेरिकी nexus शामिल है तो क्यों कोई अमेरिकी व्यक्ति आरोपित नहीं किया गया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि क्या DOJ भारत में न्याय प्रवर्तन के लिए कदम उठा रहा है और अगर भारत प्रत्यर्पण से इनकार करता है तो क्या होगा।
उन्होंने यह भी पूछा, “अगर भारत इस मामले में प्रत्यर्पण अनुरोध को अस्वीकार करता है, तो DOJ का क्या योजना है और क्या यह मामला अमेरिका और भारत जैसे सहयोगी देश के बीच एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है?”