फ्रंट फ्लिप जश्न: शतक के बाद ऋषभ पंत ने दिखाया पुराना अंदाज़, ‘स्कूल से कर रहा हूं ये’

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में जबरदस्त शतक लगाकर न सिर्फ भारतीय पारी को मजबूती दी, बल्कि अपने खास अंदाज़ में जश्न मनाकर दर्शकों का दिल भी जीत लिया। जैसे ही उन्होंने छक्का लगाकर शतक पूरा किया, पंत ने हेलमेट उतारा, बल्ला और दस्ताने ज़मीन पर रखे और फिर किया अपना ट्रेडमार्क फ्रंट समरसाल्ट।
यह पंत का टेस्ट करियर का सातवां शतक था और उनकी वापसी के बाद पहला, जिसे उन्होंने बतौर टीम के उप-कप्तान जड़ा। यह खास शतक उन्होंने एक ऐसे समय पर बनाया जब टीम को मजबूती की जरूरत थी।
तीसरे दिन के खेल से पहले चेतेश्वर पुजारा से बातचीत में पंत ने कहा, “मैंने तीन अलग-अलग सेलिब्रेशन सोच रखे थे। एक तो था ‘बल्ला बोलेगा’। फिर सोचा, वही करूंगा जो बचपन से करता आया हूं – साल्टो। मैंने स्कूल के समय जिम्नास्टिक्स सीखी थी। मैं अब भी आधी रात में उठकर साल्टो मार सकता हूं!”
उन्होंने बताया कि 2022 में हुए कार हादसे के बाद वह फिर से साल्टो करने लायक बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे। “उस एक्सीडेंट के बाद फिर से जिम्नास्टिक करने लायक बनना आसान नहीं था, लेकिन मैंने मेहनत की और अब ये फिर से आसान हो गया है,” पंत ने कहा।
शतक के क्षण को याद करते हुए पंत बोले, “जब शोएब बशीर पिछले ओवर में गेंदबाज़ी कर रहा था, तब ही सोचा था कि इसी ओवर में शतक पूरा कर लूं। लेकिन रिस्क नहीं लेना चाहता था, उसने अच्छी गेंदबाज़ी की, तो सिंगल लेकर स्ट्राइक बदल दी। जब वह अगली बार आया, मैंने उसे कहा – अगर फील्ड पास है तो बड़ा शॉट मारूंगा। सौभाग्य से मैं 99 पर था, और मुझे पूरा विश्वास था, लेकिन फिर भी गेंद को सम्मान दिया।”
पंत ने अपनी पारी में 12 चौके और 6 छक्के लगाए, और दिखाया कि वह अब न सिर्फ आक्रामक हैं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर संयम भी बरत सकते हैं। उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ जहां दमदार शॉट खेले, वहीं मैच की स्थिति को समझते हुए कई बार डिफेंस भी किया।
पंत ने कहा कि उन्होंने आईपीएल से टेस्ट क्रिकेट की ओर आते वक्त अपने खेल में कुछ शॉट्स को जानबूझकर हटाया, और सीधा खेलने पर ध्यान केंद्रित किया। “मैंने सोचा कि कुछ शॉट्स को हटाना होगा। मैं ज्यादा से ज्यादा ‘वी’ में खेलने की कोशिश कर रहा हूं। अगर आपने ध्यान दिया हो, तो मैंने ज्यादा बाहर जाती गेंदों पर शॉट नहीं खेले। मैं सीधा खेलने की कोशिश कर रहा हूं,” उन्होंने कहा।
इससे पहले टेस्ट सीरीज़ में पंत सिर्फ एक बार ही 50 के पार जा सके थे और ग़लत समय पर जोखिम लेने के लिए आलोचना झेल चुके थे। लेकिन इस पारी में उन्होंने दिखाया कि वो अब न सिर्फ लौटे हैं, बल्कि बेहतर, ज़िम्मेदार और परिपक्व खिलाड़ी बनकर लौटे हैं – ऐसे समय में जब टीम में विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ी नहीं हैं।
