भारत को रूसी कच्चे तेल की आपूर्ति जारी रहेगी: रूसी उप राजदूत रोमन बाबुश्किन
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत में रूसी महासंघ के उप राजदूत रोमन बाबुश्किन ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वैश्विक प्रतिबंधों और व्यापारिक दबावों के बावजूद रूस भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति जारी रखेगा।
नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में मीडिया से बात करते हुए बाबुश्किन ने कहा, “वर्तमान वैश्विक हालात और बदलते परिवेश के बावजूद, भारत को रूस से कच्चे तेल का निर्यात स्थिर बना रहेगा। रूसी तेल का कोई विकल्प नहीं है क्योंकि यह बेहद प्रतिस्पर्धी है और उच्च लाभ देता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि हाल के वर्षों में भारत और रूस के बीच व्यापार लगभग सात गुना बढ़ा है। रूस प्रतिवर्ष भारत को करीब 250 मिलियन टन कच्चा तेल आपूर्ति करता है, जिस पर औसतन 5 प्रतिशत तक की छूट दी जाती है, जो आपसी समझौते पर निर्भर करती है।
बाबुश्किन ने यह भी स्पष्ट किया कि यूरोपीय संघ के 18वें प्रतिबंध पैकेज का भारत के साथ रूस के तेल व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा है। जब उनसे पूछा गया कि अगर भारत रूसी तेल का आयात बंद कर दे, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ऐसा कभी होगा।” उन्होंने बताया कि तेल व्यापार के अलावा रसायन, उर्वरक और अन्य क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच सहयोग मजबूत है।
उन्होंने जोर देकर कहा, “जितना दबाव बढ़ता है, उतना ही सहयोग भी बढ़ता है,” और बताया कि BRICS देशों के बीच व्यापार भी तेज़ी से बढ़ रहा है।
भारत-रूस संबंधों के अन्य पहलुओं पर बात करते हुए उन्होंने ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, संस्कृति, बुनियादी ढांचे और राजनयिक संवाद जैसे क्षेत्रों में जारी सहयोग की सराहना की।
उप राजदूत ने बताया कि इस महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच दो बार बातचीत हुई है। साथ ही, विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय मॉस्को दौरे पर हैं, जहाँ वे भारत-रूस आंतर-सरकारी आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात भी करेंगे।
राष्ट्रपति पुतिन की प्रस्तावित भारत यात्रा को लेकर पूछे गए सवाल पर बाबुश्किन ने कहा कि अभी तक कोई तारीख तय नहीं हुई है।
बाबुश्किन ने अंत में यह भी कहा कि “प्रतिबंध केवल वैश्विक अस्थिरता को बढ़ावा देते हैं,” और दोहराया कि रूस भारत के साथ अपने “विशेष रणनीतिक साझेदारी” को और मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
