रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने तेल खरीद पर कहा, अगर अमेरिका खरीद सकता है तो भारत क्यों नहीं?
चिरौरी न्यूज
नयी दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने दो दिवसीय भारत दौरे की शुरुआत में ही अमेरिकी दबाव को चुनौती दी, जिसमें अमेरिका भारत से रूस का ईंधन न खरीदने के लिए कह रहा था। पुतिन ने कहा कि अगर अमेरिका रूस से परमाणु ईंधन खरीद सकता है, तो भारत भी ऐसा क्यों नहीं कर सकता।
पुतिन ने यह बयान भारतीय ब्रॉडकास्टर इंडिया टुडे को दिया, जो उनके नई दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटे बाद प्रसारित हुआ। इस दौरे का उद्देश्य रूस और भारत के बीच व्यापार बढ़ाना और वस्तुओं की विविधता बढ़ाना है।
रूस-भारत के पुराने संबंध
नई दिल्ली और मॉस्को के बीच पुराने समय से मजबूत संबंध हैं। रूस भारत के हथियारों का मुख्य स्रोत रहा है। इसके अलावा, भारत पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूस का सबसे बड़ा समुद्री तेल खरीदार बन गया है। पुतिन ने कहा, “अमेरिका खुद हमारे परमाणु ईंधन से अपनी न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए ईंधन खरीदता है। अगर अमेरिका को खरीदने का अधिकार है, तो भारत को क्यों नहीं?”
तेल का व्यापार जारी
पुतिन ने कहा कि भारत में रूसी तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का व्यापार सुचारू रूप से चल रहा है। हालांकि, अमेरिकी टैरिफ और रूस पर कड़े प्रतिबंधों के कारण इस साल के पहले नौ महीनों में कुल व्यापार में थोड़ी गिरावट आई है।
नई दिल्ली में पुतिन का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एयरपोर्ट पर गले लगाया और निजी डिनर के लिए साथ में कार में रवाना हुए। मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करके खुशी हुई। भारत-रूस मित्रता एक समय-परीक्षित रिश्ता है, जिससे हमारे लोगों को बहुत लाभ मिला है।”
व्यापार विस्तार और विविधीकरण का लक्ष्य
भारत और रूस का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाना है। 2021 में लगभग 13 अरब डॉलर के मुकाबले यह व्यापार 2024-25 में लगभग 69 अरब डॉलर तक पहुँच गया, जिसमें अधिकांश व्यापार भारतीय ऊर्जा आयात से जुड़ा था। भारत अब अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ के असर को कम करने के लिए अपने निर्यात को नए देशों और रूस में विविध बनाने का प्रयास कर रहा है। रूस भी द्विपक्षीय व्यापार में संतुलन बनाने के लिए भारतीय सामानों का आयात बढ़ाना चाहता है।
भारत के वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि भारत रूस में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डेटा प्रोसेसिंग उपकरण, भारी मशीनरी, औद्योगिक उपकरण, वस्त्र और खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ाना चाहता है।
