वरिष्ठ अभिनेता कोटा श्रीनिवास राव का 83 वर्ष की आयु में निधन, फिल्म और राजनीतिक जगत में शोक की लहर

Senior actor Kota Srinivas Rao dies at the age of 83, wave of mourning in film and political worldचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली:  प्रख्यात तेलुगु अभिनेता और पूर्व विधायक कोटा श्रीनिवास राव का रविवार को निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से उम्रजनित बीमारियों से जूझ रहे थे। उनका निधन हैदराबाद के फिल्मनगर स्थित उनके आवास पर हुआ। वे अपनी पत्नी और दो बेटियों को पीछे छोड़ गए हैं।

कोटा श्रीनिवास राव का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरता जा रहा था। हाल ही में निर्माता बंडला गणेश द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई उनकी एक तस्वीर ने प्रशंसकों को चौंका दिया था।

लगभग चार दशकों से अधिक लंबे फिल्मी करियर में उन्होंने 750 से भी अधिक फिल्मों में अभिनय किया। तेलुगु के साथ-साथ उन्होंने तमिल, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। खास आवाज़, अद्भुत संवाद अदायगी और विविध भूमिकाओं के लिए मशहूर कोटा मुख्य रूप से खलनायक और हास्य भूमिकाओं के लिए जाने जाते थे।

10 जुलाई 1942 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले के कनकिपाडु में जन्मे कोटा श्रीनिवास राव ने अपने करियर की शुरुआत एक रंगमंच कलाकार के रूप में की थी। 1978 में चिरंजीवी अभिनीत फिल्म ‘प्रणम खरीदु’ से उन्होंने सिनेमा में पदार्पण किया।

शुरुआती दौर में वे सहायक और हास्य भूमिकाएं निभाते रहे, लेकिन 1985 में आई फिल्म ‘प्रतीघटना’ से उन्होंने एक खलनायक के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई। वे उन चुनिंदा कलाकारों में रहे जिन्होंने परंपरागत खलनायकों की छवि को स्क्रीन पर एक नया आयाम दिया। उन्हें विभिन्न तेलुगु बोलियों में सहज संवाद अदायगी के लिए भी खूब सराहा गया।

कोटा ने अपने करियर में कृष्णा, चिरंजीवी, बालकृष्ण, नागार्जुन, वेंकटेश, महेश बाबू और पवन कल्याण जैसे टॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम किया। ‘आहा! ना पेल्लांटा’, ‘यमुडिकी मोगुडु’, ‘कैदी नं. 786’, ‘शिवा’, ‘बोब्बिली राजा’, ‘यमलीला’, ‘बोम्मरिल्लु’, ‘संतोषम’, ‘अथाडु’ और ‘रेस गुर्रम’ जैसी फिल्मों से उन्हें व्यापक लोकप्रियता मिली।

कोटा श्रीनिवास राव ने लोकप्रिय हास्य अभिनेता बाबू मोहन के साथ करीब 60 फिल्मों में काम किया। एक समय पर यह जोड़ी बॉक्स ऑफिस सफलता की गारंटी मानी जाती थी।

फिल्मों में उनके योगदान के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वर्ष 2015 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से नवाजा गया। इसके अलावा उन्हें नंदी पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था।

राजनीतिक जीवन में भी कोटा सक्रिय रहे। वे वर्ष 1999 से 2004 तक विजयवाड़ा ईस्ट विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक रहे।

हालांकि उनके जीवन में व्यक्तिगत रूप से एक बड़ी त्रासदी भी आई थी जब उन्होंने 2010 में अपने इकलौते बेटे कोटा वेंकट अंजनैया प्रसाद को एक सड़क दुर्घटना में खो दिया।

कोटा श्रीनिवास राव के निधन से न केवल तेलुगु सिनेमा, बल्कि पूरे भारतीय फिल्म जगत और राजनीतिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कई प्रमुख फिल्मी हस्तियों और नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *