शरद पवार ने की राजनीति से संन्यास लेने की ओर इशारा, कहा- ‘राज्यसभा के अगले कार्यकाल पर सोचेंगे’
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष और वरिष्ठ राजनेता शरद पवार ने मंगलवार को संकेत दिया कि वह आगामी समय में संसदीय राजनीति से संन्यास लेने का विचार कर सकते हैं। 84 वर्षीय शरद पवार ने बारामती में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनका वर्तमान राज्यसभा कार्यकाल एक साल और छह महीने तक चलेगा, और उसके बाद वे यह निर्णय लेंगे कि क्या वे फिर से राज्यसभा का चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने कहा, “मुझे सोचना होगा कि क्या मैं राज्यसभा में फिर से जाऊं या नहीं,” और इस बयान से यह संकेत मिला कि वह अगले राज्यसभा चुनाव में भाग लेने पर विचार कर सकते हैं या नहीं।
शरद पवार बारामती विधानसभा चुनाव 2024 के लिए अपने पोते युगेन्द्र पवार के पक्ष में प्रचार कर रहे थे, जो इस बार अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। युगेन्द्र पवार, अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं।
शरद पवार की राजनीति में पांच दशकों से ज्यादा का अनुभव है, और उनका संभावित राजनीति से बाहर जाना महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर बड़ा असर डाल सकता है। पार्टी के नेता और समर्थक शरद पवार के हालिया बयानों पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि यह पता चल सके कि उनका भविष्य क्या होगा, खासकर जब वह महाराष्ट्र की राजनीति के एक अहम स्तंभ रहे हैं।
इस दौरान शरद पवार ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बारामती क्षेत्र के लिए योगदान को भी स्वीकार किया, लेकिन यह भी कहा कि अगले तीन दशकों में इस क्षेत्र के विकास के लिए एक नए नेता की जरूरत है। उन्होंने कहा, “बारामती लोकसभा सीट पर इस साल जो चुनाव हुआ, वह परिवार के भीतर ही था और अब पांच महीने बाद लोग देखेंगे कि फिर से वही स्थिति है।” इस साल हुए लोकसभा चुनाव में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को हराया था।
शरद पवार ने बारामती में एक अन्य बैठक में कहा, “आपने मुझे मुख्यमंत्री कई बार चुना, न केवल एक बार, बल्कि चार बार। 1967 में आपने मुझे चुना और मैंने यहां 25 साल काम किया। उसके बाद मैंने महाराष्ट्र के लिए काम किया। मैंने सारे स्थानीय निर्णय अजित दादा को सौंप दिए थे, ताकि वह स्थानीय निकायों, शक्कर और दूध के संगठनों के लिए कार्यक्रमों और चुनावों की योजना बना सकें।”
शरद पवार के इस बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि वह अपने राजनीतिक करियर के अगले कदम पर गहराई से सोच रहे हैं। उनके द्वारा राजनीति से संन्यास लेने का फैसला महाराष्ट्र की राजनीति को गहरे प्रभावित कर सकता है, खासकर जब उनका प्रभाव राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में अब तक बेहद महत्वपूर्ण रहा है।