कोरोना संकट में खिलाड़ियों को खेल सेंटरों के तोहफे; जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख में दो बड़े खेल परिसरों की आधारशिला रखी गई

राकेश थपलियाल

कोरोना संकट के बीच पूरी दुनिया में खिलाड़ी धीरे-धीरे सावधानी के साथ मैदान में उतरकर ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं में शिरकत कर रहे हैं। भारत  में खेल मंत्रालय भविष्य के लिए बेहतर खिलाड़ी तैयार करने के उद्देश्य से दूर दराज के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में उच्च स्तर की सुविधा वाले खेल सेंटर खोलने की घोषणाएं कर रहा है या उनकी आधारशिला रख रहा है। इससे खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों में काफी उत्साह है। इनके अलावा देशभर में जिला स्तर पर भी लगभग एक हजार खेल सेंटर खोले जाएंगे। खेल मंत्रालय के इन कदमों से प्रभावित होकर कुछ निजी कंपनियां भी अपने स्तर पर खेल परिसर खोलने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। कुल मिलाकर इससे खेलों को बढ़ावा मिलता दिखाई दे रहा है।

अभी कुछ दिन पूर्व जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख में दो बड़े खेल परिसरों की आधारशिला रखी गई है। वहीं खेल मंत्रालय ने दो चरणों में चौदह राज्यों  और केन्द्र शासित प्रदेशों में ‘खेलो इंडिया स्टेट सेंटर आॅफ एक्सीलेंस’ खोलने की घोषणा की है। इनमें पहले चरण में आठ सेंटर कर्नाटक, ओडीशा, केरल, तेलांगना, अरुणाचल  प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड में बनाने की घोषणा की गई थी। यहां पहले से बने सेंटरों को उच्च सुविधाओं से लैस किया जाएगा। दूसरे चरण में छह और सेंटर असम, दादरा और नागर हवेली और दमन दीव, महाराष्ट्र, मेघालय और सिक्किम को चुना गया है। पहले चरण में चुने गए आठ सेंटरों को चार वर्ष में 95 करोड़ 19 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इन सेंटरों के जरिए ऐसे खिलाड़ी तैयार करना है जो ओलंपिक और विश्व स्तर चमक बिखेर सकें। यहां 14 ओलंपिक खेलों से जुड़ी हर सुविधा  उपलब्ध कराई जाएगी। एक राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश इनमें से ज्यादा से ज्यादा तीन ओलंपिक खेल स्पर्धाओं को अपना सकता है।

कुछ समय पूर्व जम्मू-कश्मीर में कठुआ जिले के हीरानगर में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली के नाम पर आधुनिक सुविधाओं से लैस खेल परिसर का आॅनलाइन शिलान्यास केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया। जेटली हीरानगर के दामाद थे। 60 करोड़ की लागत से बनने वाले इस खेल परिसर के लिए अधिग्रहीत 254 कनाल जमीन पर काम शुरू करवाया गया है। बाद में इसे 140 कनाल और जमीन पर विस्तार दिया जाएगा।

कठुआ-उधमपुर-डोडा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, ‘इस परियोजना को शुरू करवाने में अरुण जेटली का बहुत बड़ा योगदान रहा। यही कारण है कि इसका नाम अरुण जेटली मेमोरियल खेल परिसर  रखा है। हीरानगर के दामाद होने के नाते अरुण जेटली का यहां के लोगों से विशेष लगाव था। जम्मू कश्मीर के आखिरी दौरे के दौरान यहां के कुछ लोगों ने उनसे स्टेडियम की मांग की थी।’

इस खेल परिसर में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक, स्केटिंग रिंक, सिंथेटिक टर्फ फुटबॉल ग्राउंड, सिंथेटिक हॉकी मैदान, टक शॉप, बॉक्सिंग रिंक, बहुउद्देशीय हॉल, क्रिकेट ग्राउंड, स्विमिंग पूल, फ्लड लाइट सहित सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी।

इस परियोजना पर करीब 58.23 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह 270 कनाल जमीन पर तैयार किया जाएगा। इस खेल परिसर का निर्माण प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत किया जा रहा है। डॉ. जितेन्द्र सिंह और केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने अरुण जेटली मेमोरियल खेल परिसर के आधारशिला कार्यक्रम में वचुर्अल रूप से शिरकत की। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज कुमार सिन्हा और उनके सलाहकार तथा युवा सेवा और खेल के प्रभारी फारूक खान भी ई-फाउंडेशन समारोह में शामिल हुए।

हाल ही में खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने लेह-लद्दाख में 12 करोड़ रुपये से अधिक लागत की अनेक खेल सुविधाओं की आधारशिला भी रखी है। लेह के ओपन स्टेडियम में एथलेटिक्स के लिए सिंथेटिक ट्रैक और फुटबॉल के लिए सिंथेटिक टर्फ की नींव रखी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 10.68 करोड़ रुपये है और इसे जनवरी 2021 तक पूरा किया जाना है। इसी तरह, एनडीएस इनडोर स्टेडियम में जिम्नेजियम हॉल के निर्माण पर लगभग 1.52 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसका निर्माण मार्च, 2021 तक पूरा हो जाएगा।

इस अवसर पर रीजीजू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश में एक खेल संस्कृति विकसित कर रही है जो लोगों को स्वस्थ एवं चुस्त रख रही है। वह देश के विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले खेलो इंडिया, विश्वविद्यालय खेल एवं शीतकालीन खेल छात्रों, युवाओं एवं लोगों को खेल की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

श्री रीजीजू ने लद्दाख केंद्र शासित प्रशासन को खेल के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने हेतु प्रेरित करने के लिए स्थानीय खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार एवं नौकरी जैसे प्रोत्साहनों का प्रावधान करने का सुझाव दिया। उन्होंने देशभर के आइस हॉकी संघों को निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए इस खेल को मान्यता दिलाने के लिए एकजुट होने को कहा।

खेल मंत्री ने इस समारोह में लद्दाख में खेल के बुनियादी ढांचे एवं उसके विकास के लिए कई छूट की घोषणा की। उन्होंने केंद्र शासित प्रशासन से लद्दाख में एक हजार की आबादी वाले इलाकों में खेल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा। खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत, उनका मंत्रालय विभिन्न

मानदंडों में ढील देगा और प्रशासन द्वारा सुझाए गए जगहों पर खेलो इंडिया जिला उप केंद्र के लिए धन एवं सुविधाएं प्रदान करेगा। इसी तरह, स्थानीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को उनके खेलों के आधार पर देशभर के 23 उत्कृष्टता सेंटरों में प्रशिक्षण मिलेगा।

सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से निचले और उच्च  स्तर पर खिलाड़ियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जो शुरुआत की है उससे भारत  का खेल भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है, पर जरूरत इस बात की है कि योजनाओं को पूरी ईमानदारी के साथ मैदान पर उतारा जाए। तभी 2028 के ओलंपिक खेलों में भारत  का टॉप-10 देशों में शामिल होने का सपना साकार हो सकेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाएं: उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारत  में खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि लोगों को तनाव मुक्त जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए खेल, योग या फिर किसी अन्य शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाना चाहिए। उन्होंने स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को सक्रिय रूप से खेलों को और अधिक बढ़ावा देने पर जोर दिया। देश में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, खेल के बुनियादी ढांचे को बेहतर करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, श्री नायडू ने देश में ही प्रशिक्षित उच्च कुशल भारतीय कोचों का पूल बनाने आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोच काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं।

उन्होंने कहा कि छात्रों को अपना आधा समय कक्षाओं में और शेष आधा वक़्त मैदान में बिताना चाहिए। श्री नायडू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए फिट इंडिया अभियान की सराहना की और कहा कि यह निश्चित रूप से लोगों को फिट और स्वस्थ रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा। श्री नायडू ने कहा कि खेल और खेल संबंधी अन्य गतिविधियां हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और ये हमारी शारीरिक फिटनेस में सुधार करती हैं। श्री नायडू ने कम उम्र से ही खेल प्रतिभाओं की पहचान करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। साथ ही उन्होंने इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एक प्रभावी और व्यापक प्रतिभा निगरानी और स्काउटिंग प्रणाली की व्यवस्था का आह्वान किया।

उभरते खिलाड़ियों के लिए वेवसिटी में बनेगा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स

वेवग्रुप और सिटीस्कैप स्पोर्ट्स ने गाजियाबाद के वेवसिटी एनएच-24 में केएससी सिटीस्कैप स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनाने की बुनियाद रख दी है। यह खेल सुविधा अपने आप में अत्याधुनिक होगी और विभन्न खेल पृष्ठभूमि से आने वाले खिलाड़ियों की जरूरतों को पूरा करेगी। शुरुआत में यहां क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, टेनिस और एथलेटिक्स खेलने और सीखने की सुविधा उपलब्ध रहेगी। भविष्य में जरूरत के आधार पर अधिक खेल शुरू किए जाएंगे। वेवसिटी प्रतिष्ठित वेव ग्रुप द्वारा एक प्रमुख रियल एस्टेट प्रोजेक्ट है जो एनएच 24 पर 4500 एकड़ के क्षेत्र में फैला है, जबकि सिटीस्कैप स्पोर्ट्स, सिटीस्कैप समूह का एक हिस्सा है जो मुख्य रूप से मीडिया मार्केटिंग में है। इस कॉम्पलेक्स के भूमि पूजन के दौरान दोनों कंपनियों ने खेल के क्षेत्र में अपनी नई साझेदारी की घोषणा की है। इस अवसर पर खेलप्रेमी सी सी राव, विकास त्रिपाठी, सुशील कौशिक, जगदीश आनंद, विक्रम सिंह, सुनील कुमार, सुधीर भी उपस्थित थे। मनोज अत्री और गौरव गुप्ता के साथ राजीव गुप्ता (एमडी-वेव) और मुनीश मिश्रा (सीईओ-वेवसिटी) द्वारा इस कॉम्पलेक्स की आधारशिला रखी गई।

सिटीस्कैप स्पोर्ट्स के संस्थापक मनोज अत्री ने कहा, ‘खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण और खेल मंत्री करेन रीजीजू द्वारा किए गए विकास से प्रेरित होकर, हम इस स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स को शुरू करने व खेलो और फिट इंडिया पहल का हिस्सा बनने के लिए अत्यधिक आनंदित महसूस कर रहे है। हम दिल्ली की क्रिकेट संस्थानों, फुटबॉल के लिए आईएसएल अकादमियों और कुछ अन्य दिग्गज खिलाड़ियों के साथ संपर्क में हैं। यह परिसर 3 से 4 महीने में तैयार हो जाएगा। केएससी सिटीस्कैप स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स खेल के लिए डिजाइन किया जाएगा और हमारा उद्देश्य खेलों को अधिक रोचक और आकर्षक बनाना है और हम हर आयुवर्ग की भागीदारी के लिए तत्पर हैं।’

वेव ग्रुप के मैनेंजिंग डायरेक्टर राजीव गुप्ता के अनुसार, ‘महामारी के इस समय में जब सारी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है, सभी ने खेल और शारीरिक गतिविधियों के महत्व को महसूस किया है। इस परियोजना के साथ आने का एक सबसे बड़ा कारण लोगों को उनके स्वास्थ्य लक्ष्यों के बारे में जागरूक करना है व दिनचर्या में शारीरिक और खेल गतिविधियों को शामिल करना और इसे अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह काफी अच्छी पहल है।’

लेखक खेल टुडे पत्रिका के संपादक हैं.

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